सागर। मध्य प्रदेश में मतदान के ईवीएम को लेकर जमकर घमासान मचा हुआ है| अलग-अलग क्षेत्रों में लापरवाही की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग को सफाई देनी पड़ रही है, वहीं सागर के खुरई विधानसभा क्षेत्र से मतदान के दो दिन बाद स्ट्रॉग रूम तक ईवीएम पहुँचने के मामले में नायब तहसीलदार पर गाज गिरी है| ईवीएम के देरी से पहुँचने के लिए नायब तहसीलदार को दोषी माना गया है| कलेक्टर ने मामले की जांच कर चुनाव आयोग की रिपोर्ट सौंप दी है, वहीं कमिश्नर मनोहर दुबे ने नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को सस्पेंड कर दिया गया है|
दरअसल, 28 नवंबर को मतदान संपन्न होने के बाद ईवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में पहुंचा दिया था। लेकिन सागर जिले के खुरई विधानसभा में रिजर्व में रखी गई मशिनों को सागर करीब 48 घंटे बाद बिना नंबर की बसों से भेजा गया। इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा था। जिसके बाद कांग्रेस की मांग पर ईवीएम मशीनें चेक कराईं गईं जिसमें कुछ नहीं निकला। ये मशीनें बाद में कलेक्टोरेट के एक कक्ष में जमा की गईं। चुनाव आयोग ने इस सम्बन्ध में जांच के आदेश दिए, जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है|
कमिश्नर मनोहर दुबे ने नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को इसके लिए दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया | नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि मेें मेहरा का मुख्यालय कार्यालय उपायुक्त भू-अभिलेख सागर में नियत किया गया है। निलंबन काल में मेहरा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। इससे पहले प्रदेश कांगे्रस के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधानसभा चुनाव में हुए मतदान और ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की आशंका जातते हुए अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाये जाने के संबंध में एक ज्ञापन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल. कांताराव को सौंपा।