कमीशन के खिलाफ पीएम को पत्र लिखने वाले डॉक्टर के साथ एसोसिएशन, जानें क्या है पूरा मामला

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Sarvesh Jain Letter to PMO

Sarvesh Jain Letter to PMO : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर सर्वेश जैन द्वारा कमीशन को लेकर सीधा पीएम मोदी को पत्र लिखा गया। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री को रजिस्ट्री कराने में लगने वाली रिश्वत के बारे में जानकारी दी है। पत्र सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हडकंप मच गया। हालांकि इस पत्र के बाद अब तक उन्हें नोटिस नहीं मिला है।

लेकिन कांग्रेस द्वारा उनके इस पात्र को ट्विटर पर शेयर किया गया। जिसमें लिखा था कि 50 फीसदी कमीशन का एक और लेटर वायरल। ग्वालियर, रीवा के पेटी कॉन्ट्रेक्टर के 50 फीसदी कमीशन राज को बेनकाब करने के बाद यह पत्र सामने आया है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिवराज की कमीशन खोरी की पोल खोली। शिवराज सरकार के पाप का घड़ा भरकर बहने लगा।

इसके बाद ये पत्र तेजी से वायरल हो गया। हालांकि इस लेटर पर प्रोफेसर डॉक्टर सर्वेश जैन के कोई हस्ताक्षर नहीं है। लेकिन पत्र सामने आने के बाद जमकर राजनीति हुई। वहीं आयुक्त महोदय के दवाब और निर्देश पर अधिष्ठाता द्वारा डॉ को द्वारा आरोपित किया गया। जिस्सके बाद प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन ने डॉ सर्वेश जैन का साथ देते हुए एक लेटर जारी किया है।

एसोसिएशन ने पत्र में कहा

Sarvesh Jain Letter to PMO

इस लेटर में कहा गया कि डॉक्टर सर्वेश जैन कतिपय कारण दर्शाते हुए आयुक्त महोदय के दवाब और निर्देश पर अधिष्ठाता द्वारा पत्र क्रमांक 4601/स्था/ 2023 दिनांक 19/08/23 द्वारा आरोपित किया गया है जो कि निराधार है। अगर हमारे किसी भी चिकित्सा शिक्षक को डराने धमकाने या भयभीत कर प्रताड़ित करने की कोशिश की गई तो वह हमें किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

डॉ सर्वेश जैन एक बेहद ही ईमानदार होने के साथ साथ अपने चिकित्सकीय कार्य में दक्ष है और अपनी शासकीय सेवाओं का वहन बड़ी कुशलता और अनुशासन से करते है। वह एक राष्ट्रवादी सामाजिक नागरिक होने के नाते अपनी एवं समाज की पीड़ा एवं समाज का यथार्थ तार्किक परिदृश्य एक जागरुक नागरिक की तरह अभिव्यक्त करते रहते हैं। समाज में सकारात्मक चेतना जागृत कर उत्थान की कामना में उनके द्वारा किए गए कार्य अनुकरणीय एवं सराहनीय है जिसका हम सभी अभिनंदन करते हैं।

हम सभी माननीय अधिष्ठाता महोदय से निवेदन कर संदेश देना चाहते हैं आप सबसे पहले चिकित्सक और एक उत्कृष्ट स्वतंत्र देश के आम नागरिक है और बाद में किसी आईएएस के अनुचित आदेशों के पालनार्थ। हम सभी को समझना चाहिए कि आईएएस के दवाब में कार्य कर अपने ही लोगों पर अत्याचार करने की प्रवृत्ति फिर से हमें आंतरिक गुलामी की ओर ले जाएगी।

अतः हम सभी आपसे पुनः अनुरोध करते हैं कि डॉ सर्वेश जैन के साथ हम सभी एकजुट हैं और उनके विरुद्ध कोई भी अनैतिक कदम ना उठाया जाए जो कि किसी भी चिकित्सा शिक्षक एवं मध्य प्रदेश के किसी भी चिकित्सक को अस्वीकार्य हो जिस वजह से कोई भी विषस अपरिहार्य स्तिथि निर्मित होने के कारण मध्य प्रदेश के समस्त चिकित्सकों को प्रशासनिक पद पर बैठे अपने ही एक चिकित्सक के विरुद्ध धर्म युद्ध लड़ना।डा. सर्वेश को यदि प्रताड़ित किया गया तो प्रदेश के समस्त चिकित्सा शिक्षक आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है, जिसमें हम सब उनके साथ हैं।

जानें क्या था मामला

Sarvesh Jain Letter to PMO

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर सर्वेश जैन द्वारा पीएम मोदी को रजिस्ट्री कराने में लगने वाली रिश्वत के बारे में जानकारी देते हुए एक पत्र लिखा गया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मेरे स्वर्गीय पिताजी का सपना था कि मैं सागर शहर में मेरा अपना एक भूखंड हो, जिस पर मैं अपनी वेतन और नियमानुसार की गई प्राइवेट प्रैक्टिस से, एक मकान बनवा सकूं जो मेरे शासकीय सेवा से निवृत होने पर मेरा आसरा बने। इसके लिए मैने एक भूखंड क्रय किया, लेकिन इतनी सारी खिड़कियां पर और इतनी सारी फीस और रिश्वत के बाद, मेरा सारा उत्साह और देशभक्ति काफूर हो गई।

उन्होंने आगे कहा कि रजिस्ट्री करवाने गए तो स्टांप और फीस के अलावा एक “ऑफिस खर्चा” नाम से हस्तलिखित पर्ची मिल गई जिस पर दी जाने वाली रिश्वत का ब्यौरा था। वहां से फ्री होने पर नामांतरण के दो बार दस दस हजार रुपए देने पढ़े । तत्पश्चात डायवर्सन में तकरीबन एक लाख रुपए लगे, जिसमे से पचास हजार रुपए रेडक्रास सोसायटी की रसीद के नाम पर लिए गए। अब नक्शा पास करने में एक लाख दस हजार की रिश्वत मांगी जा रही है।

ये नाटक पिछले दो तीन बरस के दौरान हुआ, मेरी समझ यह कहती है की इस प्रकरण में दोषी है, हमारी व्यवस्था क्योंकि यह सारे कार्य आज कंप्यूटर के दौर में सिंगल विंडो पर होना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार कम हो और आम आदमी को फीस या रिश्वत जो भी देना है वो एक ही जगह पर, एक बार में लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी के बाद मुझसे उक्त आरोपों के सबूत मांगे जाएंगे, लेकिन क्या यह सबूत ही पर्याप्त नहीं की उक्त कथोपकथन में वर्णित सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के व्यक्तिगत संपत्ति आप से ज्यादा होगी ?

लोकायुक्त या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कोई उम्मीद करना बेकार है क्योंकि वो आम आदमी को परेशान करने में ज्यादा रुचि लेती हैं बजाए भ्रष्टाचार को उसके उद्गम स्थल से खत्म करने में महोदय, इस स्वतंत्रता दिवस पर आपको सच्चाई से अवगत कराने को ही मैं सच्ची देशभक्ति मानता हूं ।

 


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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