सतना में कलेक्टर की अनूठी पहल, खुद खड़े रहकर कराया जमीनों का सीमांकन

Satna Collector Anurag Verma : सरकारी विभागों में जमीन जायदाद का नामांतरण बंटवारा या सीमांकन कराना पहाड़ काटने जैसा काम माना जाता है,सरकारी दफ्तरों में पटवारी और अफसरों को चढ़ोत्तरी चढ़ाने के बावजूद चक्कर काटते काटते जूते घिस जाते है, सतना कलेक्टर ने इस जटिल समस्या को अभियान बनाकर वो कर दिखाया है कल्पना से परे रहा, जीं हाँ.. सतना कलेक्टर ने जिले में एक दिन में 1275 जमीन के सीमांकन लक्ष्य रखा, कोटवार से लेकर खुद कलेक्टर दिनभर जमीनों का सीमांकन करते देखे गए, शाम होते होते निर्धारित लक्ष्य 1275 से ज्यादा 1552 सीमांकन पूर्ण कर लिया गया, एक दिन में किया गया इतनी संख्या में सीमांकन शायद पूरे मप्र. ही नही देश मे पहली बार होना माना जा रहा है, इसे गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड के लिए भी अप्लाय करने की खबर है ।

कलेक्टर की अनूठी पहल 

“कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता”.. “एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”… इंसान में कुछ कर गुजरने का हौसला अगर दिल में हो तो ईश्वर भी सफलता की सीढ़ी लगा देता है, सतना में भी कुछ ऐसी ही इंसानी कल्पना को ईश्वर ने पंख लगा दिया और कल्पना कामयाब होकर हो गई, जी हां..सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा रचनात्मक और सृजनात्मक कार्य करने की वजह से पूरे प्रदेश में जाने जाते है, कलेक्टर अनुराग वर्मा ने एक दिन में जिले भर के आवेदनकर्ताओं की जमीनों का पेंडिंग सीमांकन में से आज एक दिन में 1275 सीमांकन करने का मुश्किल ही नही नामुमकिन लक्ष्य निर्धारित किया, एक दो दिनों में तैयारी की और बैठक में अफसरों और पटवारियों को टारगेट दे दिया, सतना जिले की 11 तहसीलों के 566 पटवारी सुबह 7 बजे से टारगेट पूरा करने में जुट गये, गांव के कोटवार से लेकर कलेक्टर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में जुटे दिखाई दिए, नतीजतन शाम होते होते कलेक्टर द्वारा निर्धारित लक्ष्य 1275 से कही अधिक 1552 सीमांकन कम्पलीट कर लिया गया है।

गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अप्लाई किया जायेगा

एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में किया गया सीमांकन सतना जिला ही नहीं पूरे प्रदेश में पहली बार किए जाना बताया जा रहा है, आंकड़े खंगाले जा रहे हैं सब कुछ ठीक ठाक रहा तो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अप्लाई किया जायेगा, एक तरफ जहां जमीन जायदाद संबंधी नामांतरण बंटवारा सीमांकन या अन्य जमीनी कार्य कराने में सरकारी दस्तरो के चक्कर लगाते लगाते पक्षकारों के जूते घिस जाते हैं, वही सतना कलेक्टर ने साबित कर दिया है कि काम करने की इच्छा शक्ति हो तो मुश्किल काम भी चुटकियों में हो सकता है, सरकारी काम की जटिलता को सतना कलेक्टर सरल सुलभ और आसान बनाने के लिये जाने जाते है।

 अनुराग वर्मा – सतना कलेक्टर 

सतना से फारूख कुरैशी की रिपोर्ट 


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Sushma Bhardwaj

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