Satna News : पूरे देश की हवा जहरीली हो चुकी है। प्रदूषण चरम सीमा पर है, जिसके कारण ट्रेन लेट चल रही है। इसके अलावा, सभी राज्य सरकारों ने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी में तो प्रदुषण को देखते हुए ग्रेप लागू किया जा चुका है। इसी बीच मध्य प्रदेश के सतना जिले में पराली जलाने की घटना सामने आई है, जिससे वातावरण पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर कलेक्टर द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद, पिछले 10 दिनों में पराली जलाने की घटना सामने आई है। यह चौकाने वाला खुलासा प्रशासन के लिए काफी चिंताजनक है।
सैटेलाइट मॉनिटरिंग की रिपोर्ट
उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने बताया कि भोपाल से सैटेलाइट मॉनिटरिंग की रिपोर्ट मिली। जिसके अनुसार, जिले के अलग-अलग अनुविभागों में बीते 4 नवंबर से 14 नवंबर तक कुल 225 स्थान पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई है। इससे पूरे जिले में सनसनी फैली हुई है। बता दें कि कलेक्टर ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया था। साथ ही इसका पालन ना करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन जिले भर में लगातार आ रही इस घटना ने सभी को परेशानी में डाल दिया है।
कार्रवाई की तैयारी
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, नागौर में 52, उचेहरा में 32, रामपुर बघेलान में 43, कोटर में 8, रघुराज नगर में 27, अमरपाटन में 26, मैहर में 21, बिरसिंहपुर में 9, मझगवां में 3 और कोठी में 4 पराली जलाई गई है। फिलहाल, आगे की कानूनी कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है।