आकाश त्यौधरी पर दर्ज हुए शराब प्रकरण की जाँच हो: डॉ अमित सिंह

Pooja Khodani
Published on -

सतना, डेस्क रिपोर्ट

देश आज अपनी चौहत्तरवा स्वतंत्रता दिवस मना रहा हैं। हमारे महान सपूतों के कारण हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति तो मिल गयी लेकिन हमारी खाकी वर्दी वाली पुलिस आज भी अंग्रेजी मानसिकता से मुक्त नही हो पायी हैं। फर्क इतना हैं कि पहले देश मे अंग्रेज राज करते थे और आज उनकी जगह माफियाओं ने ले ली हैं पुलिस जिनकी गुलाम बन कर उनके इसारे पर नाचती हैं। जिले के अग्रणी प्रगतिशील गाँव त्यौधरी के 21 वर्षीय युवा आकाश सिंह बघेल विनोद पाल का जिस तरह से अपहरण कर शराब का फर्जी प्रकरण बनाया गया हैं तब सवाल उठता हैं कि क्या इस जिले में कोई अपने आप को सुरक्षित समझ सकता हैं।

इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये हिंदू क्षत्रियवाहिनी के जिलाध्यक्ष डॉ अमित सिंह ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति असामाजिक व अवैध काम करता हैं तो उसके खिलाफ कार्यवाही अवश्य होनी चाहिये लेकिन एन एच सात पर स्थित टोलप्लाज़ा के सी.सी.टी.वी. और घटना के बनाये गये वीडियो चिल्ला चिल्ला कर ये गवाही देतें हैं कि आकाश सिंह बघेल को पुलिस के साथ मिलकर असामाजिक तत्वों ने उठा कर चार पहिया वाहन में डाला और थाने में ले जाकर शराब रखकर झूठा प्रकरण बना दिया गया। डॉ सिंह ने कहा कि इस बात की भी जाँच होनी चाहियें कि यह होनहार नवयुवक पुलिस की आँखों मे क्यों खटक रहा था और इस प्रकरण के पीछे किसकी साजिस हैं।

हिंदू क्षत्रियवाहिनी के जिला मीडिया प्रभारी शिवभानु बघेल त्यौधरी ने कहा कि अमरपाटन थाने में पदस्थ अंकित मिश्रा पर अपहरण के प्रकरण दर्ज कर थाना प्रभारी पर फर्जी प्रकरण बनाने पर कार्यवाही होनी चाहियें।स्कार्पियो गाड़ी क्रमांक MP19 BB1837 किसकी हैं जिसमें आरक्षक अंकित मिश्रा छः गुंडों को भर कर लाया और आकाश का अपहरण करके ले गया। संगठन के जिलाध्यक्ष एवं जिला मीडिया प्रभारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुणेन्द्र सिंह गहरवार,राष्ट्रीय प्रभारी भरत सिंह परिहार,प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश सिंह पिंकू जिला संरक्षक द्वय रावेन्द्र सिंह मिथलेश एवं मोहन सिंह से माँग की हैं कि वे इस नवयुवक को न्याय दिलाने के लिये मार्गदर्शन दे एवं उच्च स्तर पर संगठन के माघ्यम से पहल करें।

आकाश त्यौधरी पर दर्ज हुए शराब प्रकरण की जाँच हो: डॉ अमित सिंह


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News