Satna Lohri Celebration : आज पूरे देश भर में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। आज से खरमास खत्म हो चुका है और अब मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जाएगा। इस त्यौहार को बहुत सारे नामों से जाना जाता है। इनमें लोहड़ी का नाम भी शामिल है, जो कि खासकर उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे सर्दी की समाप्ति और फसल कटाई के बाद ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए मनाते हैं। यह पर्व समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन लोग अलाव जलाकर उसके चारों ओर एकत्रित होते हैं, जिसमें तिल, गुड़, गजक, मूंगफली, आदि अर्पित किया जाता है और अग्नि देव को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया जाता है।
लोगों में दिखा उत्साह
इसका उत्साह सतना में भी देखने को मिला, जहां पारंपरिक तौर पर जश्न मनाया गया। पंजाबी लोकगीतों ने लोगों के बीच उत्साह को बढ़ाया। बता दें कि लोहड़ी का त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। इसी कड़ी में सतना वासियों ने भी धूमधाम से लोहड़ी का त्यौहार मनाया। पारंपरिक ढोल की थाप पर गिद्दा और भांगड़ा करते हुए नजर आए, जिसका बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी ने जमकर आनंद उठाया। जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों में अलग ही जोश देखने को मिला। सभी लोग अलाव के चारों ओर लोहड़ी गीत गाते हुए नजर आए, तो वहीं एक-दूसरे को मिठाई, मूंगफली, रेवड़ी खिलाकर शुभकामनाएं दी।
दिखी पंजाबी संस्कृति की झलक
लोहड़ी के दिन मक्के की रोटी और सरसों का साग खाना अच्छा माना जाता है। यह स्वादिष्ट पकवानों में से एक है। पूरा शहर लोहड़ी के रंग में डूबा हुआ नजर आया। हर गली मोहल्ले में पंजाबी संस्कृति की झलक देखने को मिली।