सतना।
जिले में आये दिन सड़के मानव खून से लाल हो रही मगर हादसे के लिए जिम्मदार वजहों पर न तो पुलिस का ध्यान जा रहा न परिवहन विभाग का ।आलम ये है कि शहरी इलाकों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में ओभर लोड वाहन फर्राटे मार रहे और इन्हें रोकने के लिए बना विभाग चैन की नींद सो रहा ,सतना जिले में स्कूली वाहनों में भी यही हाल हैं ।
सड़को पर दौड़ने वाली यात्री वाहन हो या फिर स्कूल तक मासूमो को लाने ले जाने वाले स्कूली वाहन ,हर वाहनों में क्षमता से कई गुना सवारी बैठाई जा रही ।यात्री वाहनों के अंदर तो ठीक छतों तक मे सवारी बैठा कर वाहन संचालक कमाई कर रहे ,लोभर लोड वाहनों के विन रोक टोक सफर से आये दिन सड़क हादसे हो रहे और लोगो की मौत हो रही ।
बुधवार को भी क्षमता से ज्यादा स्कूली वच्चो को ले जा रही बस पलट गई थी जिसमे 26 बच्चे घायल हुए थे ।पिछले वर्ष लकी कान्वेंट स्कूल का बुलेरो वाहन पलट गया था जिसमे सात स्कूली बच्चों की मौत हुई थी ।लगातार हो रहे इस तरह के सड़क हादसे के बाबजूद भी न तो जिला प्रशासन इस मामले में गंभीर है और न हो पुलिस प्रशासन ,हादसे के बाद कुछ दिनों तक जिम्मेदार प्रशासन सड़को में जांच पड़ताल करता है और फिर कागजी घोड़े दौड़ाने में मशगूल ,हालांकि परिवहन विभाग का दावा है कि लगातार ओभरलोड वाहनों की संयुक्त टीम द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जाता है और जुर्माना भी किया जा रहा ।
बहरहाल इन कंडम वाहनों की भांति जिला प्रशासन का कागजी घोड़ा भी फर्राटे मारता रहता है जबकि बास्तविक धरातल पर ओभरलोड वाहनों पर न तो परिवहन विभाग और न ही पुलिस विभाग की लगाम है ।वाहन संचालक वाहनों में ओभरलोड सवारी ले जा रहे और लोग मौत का सफर भी कर रहे ।