परेशान किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा SDM को ज्ञापन, धरना प्रदर्शन की दी चेतावनी

Gaurav Sharma
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सीहोर, अनुराग शर्मा। इछावर ब्लॉक में सर्वाधिक लगातार बारिश होने से क्षेत्र के खेतों की खड़ी सोयाबीन, मक्का आदि की फसलें पूर्ण रूप से खराब हो चुकी हैं, जिस संबंध में आज क्षेत्र के किसानों ने तहसील पहुंचकर एसडीएम को मुख्यमंत्री नाम एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि खेतों में लगी सोयाबीन, मक्का की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है। किसानों ने जुताई बुवाई और निदाई सहित दिन रात कड़ी मेहनत करके कर्ज लेकर फसल तैयार की थी। किसानों को बड़ी आस थी कि इस बार अच्छी फसल से सारे बुरे दिन ठीक हो जाएंगे। लेकिन अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।

शासन के निर्देशों के अनुसार तहसील के सभी पटवारियों को किसानों के खेत पर जाकर सर्वे भी करना था। लेकिन आज तक कोई भी पटवारी किसी भी किसान के पास सर्वे करने नहीं पहुंचा है। न ही किसी जनप्रतिनिधियों ने किसानों की सुध ली, जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है।

किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि से जो हमारी सोयाबीन मक्का,उड़द मूंग की फसल 100 फीसदी खराब हो चुकी है। शासन प्रशासन से आग्रह करते हैं कि सभी ग्राम पंचायतों की फसलों का सर्वे कराकर उन्हें अतिवृष्टि से जो फसल खराब हुई है, उस फसल का शीघ्र उचित सर्वे कर परेशान किसानों का मुआवजा दिलाया जाए। उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है। वहीं इछावर एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र के हिसाब से पटवारियों को निर्देश दिए गए कि जो खराब प्रभावित फसल है, उनका सर्वे करें।

परेशान किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा SDM को ज्ञापन, धरना प्रदर्शन की दी चेतावनी


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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