MP by-election 2024: बुदनी में रोचक हुआ उपचुनाव, गड़बड़ाया राजनीतिक पंडितों का गणित

बुदनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 23 नवंबर को परिणाम आएंगे।

Atul Saxena
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by-election in Budni

MP by-election 2024: केन्द्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुदनी विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव अब रोचक मोड़ पर आ गया है। पहले चुनाव से 10-15 दिन पहले ही प्रत्याशियों की जीत हार का दावा करने वाले राजनीतिक पंडितों का गणित भी इन दिनों गड़बड़ा गया है।

दरअसल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव लड़ने के दौरान यहां भारतीय जनता पार्टी हमेशा ही भारी रहती थी और चुनाव से पहले ही राजनीति के जानकार यहां का रिजल्ट बता दिया करते थे, बस चर्चा लीड को लेकर हुआ करती थी। लेकिन अब बुदनी में हो रहे उपचुनाव में राजनीतिक पंडितों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है।

सियासी पंडितों को बुधनी में दिख रहा कड़ा मुकाबला 

मतदान में महज 6 दिन का समय ही शेष रह गया है, लेकिन राजनीतिक पंडित यह नहीं बता पा रहे हैं कि बुदनी का विधायक कौन बनेगा। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि डेढ़ दशक बाद यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

लोगों की राय जो उम्मीदवार जमीन से जुड़ा होगा, विधायक वही बनेगा

गौरतलब है कि सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 23 नवंबर को परिणाम आएंगे। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही प्रत्याशी प्रभावी है। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि बुदनी विधानसभा के उपचुनाव में जो उम्मीदवार जमीन से जुड़ा होगा, विधायक वही बनेगा।

सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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