सीहोर। अनुराग शर्मा।
सीहोर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर से अमिता अरोरा को हटाए जाने से अब तक अध्यक्ष के लिए शासन ने किसी का मनोनयन नहीं किया है। खास बात यह है कि पिछली बार की तरह इस बार कांग्रेस पार्षद भी अध्यक्ष की कुर्सी के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं। इधर सूत्र बताते हैं अमिता अरोरा को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश के खिलाफ राहत मिल सकती है नगर पालिका अध्यक्ष के पद से अमित अरोरा को 5 दिसंबर को हटाने के आदेश हुए थे लेकिन इसके बाद भी कांग्रेसी पार्षदगण शांत बैठे हैं क्योंकि उन्हें डर है की पिछली बार की तरह इस बार भी अमित अरोरा को न्यायालय से राहत मिल जाएगी और उनकी कुर्सी के खतरे से पड़ जाएगी।
बता दें कि करीब साढे 3 महीने पहले 24 अगस्त को भी नगरीय विकास विभाग में आर्थिक अनियमितताओं का दोषी बताते हुए पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए थे। आदेश के दूसरे दिन ही अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में प्रभारी मंत्री को सीहोर भेज दिया था। रायशुमारी के बाद शासन ने 29 अगस्त को कांग्रेस पार्षद नमीता राठौर को अध्यक्ष नॉमिनेट किया था। 30 अगस्त को उन्होंने चार्ज लिया था। करीब 10 दिन के बाद अमिता अरोरा को न्यायालय से राहत मिली और नमिता को अध्यक्ष की सीट छोड़ना पड़ी। ऐसा ही कहीं इस बार भी ना हो इसलिए अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए कांग्रेस पार्षद खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
इधर सूत्र बताते हैं कि अमिता अरोरा फिर से न्यायालय की शरण में गई है। पहले भी वे यह बात कह चुकी हैं कि उन्होंने न्यायालय पर पूरा भरोसा है। इस बार उनके पक्ष में खास बात यह है कि उन्हें आर्थिक अनियमितताओं का दोषी नहीं माना गया है। उन्हें सिर्फ नपा चलाने के लिए अक्षम बताकर हटाया गया है। ऐसे में कानून के जानकार मान रहे हैं कि न्यायालय से उन्हें आसानी से राहत मिल सकती है।