Sehore News: पशु आहार खाकर 2 गायों की मौत, किसान ने कंपनी पर थाने में दर्ज करवाई शिकायत

किसान ने बताया कि पिछले कई वर्षों से पशुओं को पालने का काम करता है। उन्होंने कोहिनूर और कपिला मिल्क मोर पशु आहार का 50 किलो का बैग लेकर आए, उसे खोलकर जैसे ही पशुओं को खिलाया तुरंत ही गायों की तबियत बिगड़ गई।

Shashank Baranwal
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Sehore News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां किसान ने पशु आहार कंपनी पर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, एक किसान ने अपनी दो गायों को कोहिनूर पशु आहार और कपिला मिल्क मोर पशु आहार खिलाया था। इस दौरान दोनों गायों की तबियत बिगड़ गई, जिससे की उनकी दोनों गर्भवती गायों की मौत हो गई थी।

पशु आहार की जांच के लिए भेजा लैब

पूरा मामला सीहोर जिला मुख्यालय से तकरीबन 6 किलोमीटर दूर ग्राम पचामा का बताया जा रहा है। इस दौरान पचामा के रहने वाले किसान कुंदन परमार ने बताया कि उन्होंने अपने पशुओं को पशु आहार खिलाया था, जिसके बाद उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई। यहां तकि की कोहिनूर पशु आहार खिलाने के बाद दोनों गर्भवती गायों की मौत हो गई। वहीं, इस पूरे मामले में किसान कुंदन परमार ने सीहोर कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज करा दी है। इसके साथ ही किसान ने गायों का पोस्टमार्टम कराया और पशु आहार को सागर लैब में जांच के लिए भेज दिया है।

4 पशुओं का इलाज जारी

कुंदन ने बताया कि पिछले कई वर्षों से पशुओं को पालने का काम करता है। उन्होंने कोहिनूर और कपिला मिल्क मोर पशु आहार का 50 किलो का बैग लेकर आए, उसे खोलकर जैसे ही पशुओं को खिलाया तो उसके 10 मिनट बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और यहां तक की दो गाय को इस पशु आहार से ज्यादा नुकसान पहुंचा और उनकी मौत हो गई। साथ ही 4 पशुओं का उपचार चल रहा है। इसके अलावा कुंदन परमार ने कहा कि इस तरह की कंपनियों की पूरी जांच होना चाहिए और जो पशु आहार है, उसकी भी पूरी जांच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों पर नियम के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए।

सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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