सिवनी। सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में किसी उम्र दराज टाइगर की जान बचाने के लिए देश का पहला और सबसे बड़ा रेसक्यू आपरेशन चलाया गया है। पेंच टाइगर रिजर्व बल्कि पूरे देश की शान बाघिन टी15 यानि की कालर वाली बाघिन कुछ दिनों पहले शिकार के दौरान और अन्य बाघ से हुए मुठभेड़ में गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। घाव इतने गहरे थे कि बाघिन की जान भी जा सकती थी। इसके बाद इस देश की धरोहर को बचाने के लिए प्रबन्धन ने पूरी जान झोंक दी। और एक हफ्ते तक बाघिन को बचाने के रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर पूरा इलाज किया गया। इस सफल रेसक्यू आपरेशन के बाद बाघिन पहले की तरह स्वस्थ हो गई है।
आपको बता दे कालर वाली बाघिन खास क्यों
दरअसल कालर वाली बाघिन के नाम सर्वाधिक 29 शावकों को जन्म देने का विश्व रिकार्ड दर्ज है। कॉलर वाली बाघिन को वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी रखने वाले लोग हिंदुस्तान के अलावा देश विदेश तक जानते है। इस बाघिन के ऊपर कई डॉक्यूमेंट्री फि़ल्म तक बन चुकी है और शायद इसलिए यह बाघिन वाइल्डलाइफ और पेंच ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए धरोहर है। बाघिन अपने औसतन उम्र 14 वर्ष को पूरा कर चुकी है। लेकिन इसके बाद भी यह बाघिन शावकों को जन्म दे रही है और जंगल में सर्वाइव कर रही है। लेकिन विगत दिनों बाघिन के गंभीर घायल होने की खबर आई। जिसने सभी की चिंता बड़ा दी। इसके बाद प्रबंधन बाघिन की जान बचाने में जुट गया और इस उम्रदराज बाघिन को बचाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया। प्रबन्धन के मुताबिक यह रेस्क्यू आपरेशन आसान नही था। दरअसल बाघिन के साथ अभी 11 महीने के तीन शावक है और शावकों के साथ होने के कारण बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर उसके घावों का इलाज करना सम्भव नही था। इसलिए रूटीन के तौर पर डाक्टर अखिलेश मिश्रा और उनकी टीम ने डाटिंग के जरिये बाघिन को एंटीबायोटिक इंजेक्शन देकर उसका नियमित एक हफ्ते तक न केवल इलाज किया। बल्कि उसकी हर घंटे सतत निगरानी भी रखी और अब सफल रेसक्यू आपरेशन और पूरा इलाज होने के बाद बाघिन की सेहत पहले की तरह बेहतर है। बाघिल पहले की तरह जंगल में सर्वाइव कर रही है। प्रबंधन ने इस खबर को आफि़शियली डिक्लेयर भी कर दिया है। जिसके बाद से कालर वाली बाघिन को चाहने वालों के चेहरे की मुस्कान लौटी है।