6 साल की मासूम को पिता के दोस्त ने सुलाया मौत की नींद, आरोपी गिरफ्तार, जानिए मामला

Gaurav Sharma
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सिवनी,डेस्क रिपोर्ट। सिवनी जिले के लखनादौन थाना क्षेत्र के सहसना गांव से एक दिलदहलाने वाला मामला सामने आया है,जिसमें एक 6 साल की बच्ची को बिना किसी कसूर के मौत की नींद सुला दिया गया। बुधवार को पुलिस ने 6 साल की बच्ची के निर्मम हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि बच्ची का खून किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता के दोस्त ने किया है, जिसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस द्वारा धारा 302,201 के तहत केस दर्ज कर आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद उसे जेल भेजा गया है।

दरअसल, लखनादौन क्षेत्र के एसडीओपी ने बताया कि मृतक बच्ची का पिता दशरथ शराब का आदि था। पिता अपने गांव के ही दोस्त और मुंह बोले भांजे अर्जुन मर्सकोले के साथ अक्सर मदिरा पान करने के बाद गांव में घूमता था। बीते रविवार को आरोपी अर्जुन, दशरथ के साथ शराब पीने के बाद गांव में घूम रहा था। तभी दशरथ की पत्नी ने अर्जुन से उसके पति के साथ शराब नहीं पीने को कहा, जिससे अर्जुन आग बबूला हो गया।

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वहीं 2 नवंबर यानि सोमवार के दिन दशरथ की पत्नी ने अपनी 6 साल की बच्ची के गुम होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्ची की तलाशी शुरु कर दी थी। वहीं पुलिस ने शंका के चलते दशरथ के दोस्त अर्जुन को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ के बाद आरोपी अर्जुन ने मासूम की हत्या करने वाली बात को कबूल किया। आरोपी ने अपना आरोप कबूल करते हुए कहा कि उसने बदला लेने के चलते बच्ची को मौत की नींद सुला दिया।

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वो शाम को जब शराब पीकर लौट रहा था, तब उसी वक्त दशरथ की 6 साल की बेटी आंगन में खेल रही थी। जिसके बाद आरोपी उसे पहले तो किराना की दुकान लेकर गया, फिर वहां से उसे कुरकुरे का पैकेट दिलाकर अपने साथ भदभदा रोड  ले गया और वहां उसकी गला घोटकर हत्या कर दी। बच्ची की हत्या करने के बाद उसके शव को वहीं पड़ी हुई घास में छिपा दिया। आरोपी की निशानदेही पर मासूम बच्ची की लाश को बरामद कर लिया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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