Shahdol News: दागना कुप्रथा का शिकार हुई मासूम बच्ची, जानिए क्या है पूरा मामला

Sanjucta Pandit
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Shahdol News : मध्य प्रदेश के शहडोल में दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिससे मानवता, ममता खोती नजर आ रही है। दरअसल, यहां एक तीन महीने की बच्ची निमोनिया से पीड़ित थी। जिसका इलाज कराने के बजाए परिजन उस कुप्रथा का शिकार हो गई। एक ओर जहां हमारा देश पूरी तरह बाहर निकलने की बात करता है। इस घटना ने बच्ची को दम पर मजबूर कर दिया। बता दें कि ये पहली बच्ची नहीं है जो कि इस प्रथा का शिकार हुई है बल्कि इससे पहले भी जिले में कई बच्चों की मौत हो चुकी है। यहां इलाज के नाम पर बच्चों के साथ ऐसा किया जाता है जिसे सोचकर आपकी रूह कांप उठेगी लेकिन ऐसा करने वालों के हाथ तक नहीं कांपते हैं। आइए विस्तार से जानें पूरा मामला…

सांस लेने में तकलीफ

जिले में तीन महीने की बच्ची को दो दिन पहले सांस लेने में तकलीफ होने लगी। जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे लोहे की रोड से दागना शुरू कर दिया। बता दें उन लोगों ने इस मासूम बच्ची के पेट को 51 बार गर्म रोड से दागा। बच्ची यह पीड़ा सहन ना कर सकी और आखिकार ज्यादा हालत बिगड़ने पर उसके परिवार वालों ने मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक बच्ची का नाम रुचिता कोल बताया जा रहा है।

गर्म रोड से दागना

दरअसल, इस कुप्रथा को दागना के नाम से जाना जाता है। इसके तहत, बीमार बच्चों को गर्म रोड से उनके शरीर पर दागा जाता है। इस प्रथा का चलन अधिकतर वैसे इलाके में होती है जहां तक सरकारी वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं मिल पाती और इस कारण वो ऐसी घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, इससे पहले केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। कई दिनों तक इसपर रोक भी लगी थी लेकिन एक बार फिर लोग इसका शिकार हो रहे हैं।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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