हादसे को निमंत्रण दे रहा 60 साल पुराने जैन मंदिर का जर्जर हिस्सा, नोटिस देकर औपचारिकता निभा रहा प्रशासन

गत दिवस हुई मूसलाधार बारिश के बाद जर्ज़र भवन का एक बड़ा हिस्सा गिर भी चुका है। गनीमत रही कि उस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।

Amit Sengar
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Shahdol News :  शहडोल नगरपालिका क्षेत्र के हृदय स्थल में स्थित लगभग 60 वर्ष पुराने जैन मंदिर का पिछला हिस्सा अत्यधिक जर्जर हालत में है। वहाँ पर निर्मित ट्रस्ट की लगभग 7 दुकाने गिरने की कगार पर पहुंच गई हैं। इस मामले में जिला प्रशासन भी केवल नोटिस जारी करने की औपचारिकता निभाकर शांत हो गया है।

नहीं हुआ हताहत

बता दें कि जैन मंदिर का जो जर्ज़र हिस्सा है। वही से मंदिर में लोग प्रवेश करते हैं और उसी हिस्से के बगल से बनी सड़क पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही बनी रहती है। बता दें कि गत दिवस हुई मूसलाधार बारिश के बाद जर्ज़र भवन का एक बड़ा हिस्सा गिर भी चुका है। गनीमत रही कि उस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।

दहशत में लोग

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नगरपालिका और लोक निर्माण विभाग ने स्थल का भौतिक सत्यापन कर नोटिस भी जारी किया लेकिन इसके बावजूद ट्रस्ट ध्यान नहीं दे रहा है। बताया जाता है कि नगरपालिका द्वारा 6 अगस्त 2024 को पार्श्व दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट को पत्र क्रमांक भ./जर्ज़र भ.//न. पा. भा./2024/3576 के माध्यम से नोटिस जारी कर जर्ज़र भवन को 10 दिवस के अन्दर गिराकर विभाग को सूचना देने के निर्देश जारी किये गए थे। इसके बावजूद जैन मंदिर ट्रस्ट द्वारा नोटिस का परिपालन नहीं किया गया। हैरानी की बात तो यह है कि सबकुछ आँखों से देखने के बाद भी ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर लापरवाही बरती जा रही है। दूसरी ओर शायद जिला प्रशासन को भी किसी बड़े हादसे का इंतजार है। क्योंकि आदेश की अवज्ञा होने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुल मिलाकर जैन मंदिर ट्रस्ट के जर्ज़र भवन का हिस्सा गिरने की कगार पर देखकर न केवल श्रद्धालुओं बल्कि राहगीरों में दहशत समाई हुई है।

शहडोल से राहुल सिंह राणा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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