जंगली हाथियों का आतंक, खेत में लगी 10 एकड़ धान की फसल को किया चौपट, वन विभाग दे रहा ये सलाह

डीएफओ नार्थ विनीत सिंह का कहना है कि हमने अपनी टीम को भेज कर हाथियों की निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, हम कोशिश कर रहे हैं कि हाथी रिहायशी क्षेत्र में ना आए, उन्होंने ग्रामीणों को भी सलाह दी कि वे हाथियों से दूरी बनाये रखें।

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Shahdol News : शहडोल जिले के ब्यौहारी वन परिक्षेत्र में दो जंगली हाथियों ने पिछले एक माह से अपना डेरा जमाया हुआ है, वे खेतों में लगी धान की फसल चौपट कर रहे हैं। किसानों में काफी नाराजगी है और वन विभाग इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है, उल्टा ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दे रहा है।

हाथियों ने फसल बर्बाद की, इकट्ठा हुए ग्रामीण  

ब्यौहारी के जमुनिहा के पतेरा टोला में दो जंगली हाथी बीती रात पहुंचे और खेतों में लगी 10 एकड़ धान की फसल को चौपट करने लगे, जब ग्रामीणों को मामले की जानकारी लगी तो लोग सैकड़ो की तादात में इकट्ठा हो गए और तेज आवाज कर हाथी को भगाने की कोशिश करने लगे, तभी एक स्थानीय व्यक्ति के द्वारा मामले की खबर वन विभाग को दी गई, वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच हाथी की निगरानी बनाए हुए हैं।

जंगल से गाँव में घुस आते हैं हाथी 

ग्रामीण किसानों का कहना है कि पिछले एक माह से इस क्षेत्र में दो जंगली हाथी आ गए हैं। यह क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एवं संजय गांधी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से यहां ग्रामीण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आए दिन जंगली हाथी जंगल से भटक कर गांव की ओर आ जाते हैं और खेतों में लगी खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों ने पूर्व में भी इस मामले की कई बार वन विभाग के अधिकारियों को शिकायत की है। लेकिन अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिससे ग्रामीण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

वन विभाग ने ग्रामीणों को दी ये सलाह 

डीएफओ नार्थ विनीत सिंह का कहना है कि जब हमें मामले की जानकारी लगी तो हमने अपनी टीम को भेज कर हाथियों की निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, हम कोशिश कर रहे हैं कि हाथी रिहायशी क्षेत्र में ना आए, उन्होंने ग्रामीणों को भी सलाह दी कि वे हाथियों से दूरी बनाये रखें, उन्होंने कहा कि खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है उसका पंचनामा कर उचित मुआवजा दिलवाने के लिए प्रस्ताव बनवाया जा रहा है।

शहडोल से राहुल सिंह राणा की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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