MP News : BJP को वोट ना देने पर गांव से निकाला, SP ऑफिस के बाहर धरने पर बैठा दलित परिवार

Pooja Khodani
Published on -
SHIVPURI

शिवपुरी, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी जिले (Shivpuri) से एक बड़ा मामला सामने आया है, यहां एक दलित परिवार को दबंगों ने गांव निकाला दे दिया क्योंकि हाल में हुए मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP By-election) में उन्होंने कमल के फूल (BJP) को वोट ना देकर बसपा (BSP) को दिया था। अब पूरा परिवार एसपी ऑफिस के सामने धरने देकर न्याय की गुहार लगा रहा है।

दरअसल, बीते दिनों मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट (Pohri Assembly Seat) भी शामिल थी, यहां से शिवराज सरकार (Shivraj Government) में राज्य मंत्री और पोहरी से बीजेपी विधायक सुरेश राठखेड़ा (Suresh Rathkheda) ने जीत दर्ज की थी।लेकिन यहां बैराड़ थाना के ग्राम झलवासा गांव के हरवीर सिंह और उनके परिवार ने भाजपा को वोट नही दिया, इससे गुस्साए दबंगों ने उसे गांव निकाला ही दे दिया, जिसके बाद उसने पुलिस में भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई तो वह सीधे एसपी ऑफिस (Shivpuri SP Office) के बाहर परिवार समेत धरने पर बैठ गया है और चूल्हा जलाकर भोजन बना रहा है

पीड़ित हरवीर सिंह का आरोप है कि उपचुनाव में कमल के फूल को वोट नही दिया तो राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा के रिश्तेदार प्रताड़ित (Tortured) कर रहे है और राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस भी हमारी शिकायत सुनने के बजाए उल्टा हम पर ही झूठे मुकदमे दर्ज कर बार बार जेल भेज देती है । धाकड़ समाज के कुछ लोगों ने पंचायत (Panchayat) में शिकायत कर दी कि हरवीर सिंह के परिवार ने भाजपा को वोट नहीं दिया है, इसी बात पर दलित परिवार का गांव निकाला कर दिया गया।पीडित का साफ कहना है कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता वे यहां से नहीं उठेंगे।

वही इस पूरे मामले के मीडिया में आने के बाद शिवपुरी के एएसपी प्रवीण कुमार भूरिया (ASP Praveen Kumar Bhuria) ने जांच की बात कही है। एएसपी का कहना है कि पीड़ित परिवार का आवेदन प्राप्त हुआ है, वह बैराड़ थाने से इस बात की जानकारी ले रहे हैं, मामले में जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News