शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी में कोरोना के गहराते संकट को देखते हुए जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर अक्षय सिंह (Collector Akshay Singh) ने 10 मई तक कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) बढ़ा दिया है। जिसको लेकर कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए हैं। इस दौरान जरूरी सेवाएं जिसमें बैंक, एटीएम, सरकारी दफ्तर, सब्जी, दूध, होम डिलीवरी के लिए किराना दुकानें और रसोई गैस एजेंसी को छूट रहेगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर (RTPCR) जांच कम संख्या में करने का आदेश दिया है। जिससे अब आरटीपीसीआर से रोजाना सिर्फ 250 सैंपल जांचे जाएंगे।
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कोरोना कर्फ्यू को लेकर व्यापारी वर्ग को पहले से सचेत किया गया था। जानकारी के अनुसार बाजार में अचानक भीड़ ना उमड़ पड़े इसलिए फैसला लिया गया हैं। इधर, आम नागरिकों का कहना है कि पांच दिन का कर्फ्यू लगाया जा रहा है तो उनके लिए परेशानी होगी। राशन-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं कर्फ्यू के दौरान कैसे जुटा पाएंगे।
कोरोना कर्फ्यू में इन्हें रहेगी छूट
- औद्योगिक मजदूर व उद्योगों के लिए कच्चा माल तैयार करना और उद्योगों के अधिकारी-कर्मचारी, सरकारी व निकाय अधिकारी-कर्मचारी, परीक्षा केंद्र, टीकाकरण के लिए पूर्व रजिस्ट्रेशन कराना, एंबूलेंस व दमकल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन।
कृषि उपज मंडियां, उपार्जन केंद्र, वेयर हाउस, कॉलेज, अस्पताल। - शादियां, मृत्युभोज, उठावनी कार्यक्रम में 50 व शवयात्रा में 20 व्यक्ति शामिल होंगे।
- सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल आदि की एसडीएम से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
इनको नहीं है अनुमति
- स्कूल, कोचिंग क्लासेस, स्वमिंग पूल, जिम, खेल गतिविधियां, पर्यटन स्थल, स्पॉ, ब्यूटी पार्लर, शराब दुकानें, वार और सभी राजस्व न्यायालय।
- धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च बंद रहेंगे।
सिर्फ पांच लोग ही पूजा, अर्चना और इबादत कर सकेंगे।
रेपिड एंटीजन किट पर होगा फोकस
जिले में स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर (RTPCR) से रोज सिर्फ 250 सैंपल जांचे जाएंगे, जबकि रेपिड एंटीजन किट (Rapid Antigen Kit) से 750 सैपल आरटीपीसीआर से संक्रमण दर 61 प्रतिशत और रेपिड एंटीजन किट से सिर्फ 22 प्रतिशत लिए जाएंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर जांच कम संख्या में करने का आदेश दिया है। जबकि उस रेपिड एंटीजन किट से जांचों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है, जिसे खुद सरकार भरोसेमंद नहीं मानती। जबकि शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज होने से यहां पर ग्वालियर की तरह आरटीपीसीआर जांच की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। मालूम हो कि रेपिड एंटीजन किट से हुई जांच पर इसलिए भी सवाल उठ चुके हैं क्योंकि इसकी पॉजिटिविटी रेट काफी कम हैं। यानी रेपिड एंटीजन किट से हुई जांच से कम लोग पॉजिटिव निकलते हैं। लोगों का कहना है कि इसीलिए सरकार ने आरटीपीसीआर जांच कम करके रेपिड एंटीजन बढ़ाने पर जोर दिया है। मालूम हो कि 28 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने पत्र जारी कर शिवपुरी जिले में सैंपल टेस्ट की संख्या बढ़ाकर 1 हजार कर दी है, लेकिन इसमें 75 प्रतिशत टेस्ट रेपिड एंटीजन किट से और शेष 25 प्रतिशत टेस्ट आरटीपीसीआर के तहत होंगे। अभी तक आरटीपीसीआर और रेपिड एंटीजन टेस्ट 50-50 प्रतिशत हो रहे थे।