SAHARA: लूट को छूट, शिवपुरी की पुलिस का ये कैसा तर्क!

Kashish Trivedi
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शिवपुरी, डेस्क रिपोर्ट। शिवपुरी (Shivpuri) जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। चिटफंड में लुटे पिटे निवेशकों (SAHARA Investors) को पुलिस सलाह दे रही है कि वे 25-25 करके शिकायती आवेदन दें तब वह FIR करेगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam mishra) ने चिटफंड (chit fund) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हुए हैं और पुलिस को सख्त ताकीद है कि हर हाल में निवेशकों का पैसा वापस लौटाया जाए। लेकिन शिवपुरी जिले की पुलिस की अजीबोगरीब कार्यप्रणाली सामने आई है।

मंगलवार को पुलिस के पास फरियाद लेकर पहुंचे SAHARA कंपनी के एजेंट और निवेशकों को एसडीओपी दीपक भार्गव और सुनील खेमरिया ने बताया कि क्योंकि पीङित निवेशको की संख्या लगभग साढे सात हजार हैं और इतनी बड़ी संख्या में FIR होना संभव नहीं इसीलिए आप शुरुआत में 25-25 नाम दीजिए। उसके बाद फिर बीच 25 नाम दे दीजिए और हम FIR कर देंगे।

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यदि SDOP और TI के फार्मूले से रोज 25-25 आवेदन पर FIR हो तो साल भर मे सारी FIR हो पायेगी। हालांकि शिवपुरी जिले में ही एक FIR सहारा प्रमुख सुब्रत राय (Sahara chief Subrata Roy) के खिलाफ हुए काफी समय बीत गया लेकिन आज तक सुब्रत राय के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई पुलिस ने नहीं की। हालांकि शाम को एसडीओपी और टीआई के आश्वासन पर आवेदन लेकर पहुंचे 41 आवेदकों ने सहारा पर 88 लाख रुपए की धोखाधड़ी के दस्तावेज दिए। लेकिन उनकी भी FIR न काटकर आवेदन देकर टरका दिया गया। निवेशकों की मानें तो अकेले शिवपुरी जिले में लगभग 15000 निवेशकों के ढाई सौ करोड़ रुपए सहारा में फंसे हैं जो लगातार अनुनय विनय करने के बाद भी सहारा प्रबंधन नहीं लौटा रहा है।

एजेंट अलग परेशान है कि उन्हें निवेशक दिन रात परेशान कर रहे हैं, गाली गलौज कर रहे हैं और यहां तक कि मारने की धमकी भी दे रहे हैं और पुलिस कह रही है कि एजेंट भी बराबर के दोषी हैं क्योंकि उन्होंने भी कमीशन खाया है। हैरत की बात यह है कि इतने बड़े मामले में पुलिस आखिरकार यह तर्क क्यों दे रही है और आखिरकार क्यों कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नहीं कर रही ताकि गरीब और विवश निवेशकों का पैसा वापस लौट सके।


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