शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। कोरोना (corona) जैसी भीषण महामारी में केंद्र सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) के तहत कई विकास कार्य ग्राम पंचायतों में दिये थे। इन विकास कार्यों का उद्द्देश्य ये था कि जो मजदुर बाहर शहरों से मजदूरी कर लौट रहे, उन्हें काम मिल सके और कोई बिना रोजगार (employment) के न रहे। लेकिन बात की जाए शिवपुरी (shivpuri) जिले के खनियाधाना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों की, तो यहां मनरेगा में सरपंच-सचिव ओर रोजगार सहायक इंजीनयर (Sarpanch-Secretary and Employment Assistant Engineer) के साथ रोजगार सहायक मिलकर जमकर भ्रष्टाचार करने में जुटे हैं और फर्जी मस्टर रोल निकाले जा रहे हैं।
खनियाधाना जनपद विभाग व अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतें, इस समय व्यापक भ्रष्टाचार का अखाड़ा बनी हुई हैं। यहां के विभागीय प्रमुखों ने अपने कमीशन के लालच में सरपंच-सचिवों को करोड़ों रुपए कि शासकीय धनराशि का आहरण करने का कारनामा किया है। ग्राम पंचायतों में किस तरह मनमानी पूर्वक मस्टर रोल निकाले जा रहे है। इसका अंदाजा कई ग्राम पंचायतों में चल रहे काम देखकर लगाया जा सकता है। ग्राम पंचायतो में मजदूरों का हक छीनकर मशीनों से काम कराया जा रहा है। वहीं मजदूरों के नाम पर आला अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मस्टर भरकर लाखों का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
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विभागीय अधिकारियों ने सरपंच-सचिवों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार के कृत्यों को बखूवी अंजाम दिलाने का कार्य को खनियाधाना जनपद विभाग में किया जा रहा। खनियाधाना जनपद विभाग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की शर्मनाक तस्वीर पेश की जा रही है। इस परिस्थिति में जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ अधिकारियों का मौन रवैया इन भ्रष्टाचारियों को बढावा देने का कार्य कर रहा है। शिकायतकर्ता और ग्रामीणों का आरोप है कि जब इनकी शिकायत जिले में की जाती है तो जिले की टीम भी अपना कमीशन लेकर चली जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। जिससे इन दबंगों के हौसले बुलंद हैं और लगातार मशीनों से काम करवा रहे गरीब मजदूरों के हक पर डाका डाल रहे हैं।
सरपंच सचिव ने अपना नाम ना छापने की एवज में बताया कि हमारे द्वारा जनपद में सब अधिकारियों को कमीशन सेट करता है। आप कहीं भी शिकायत कर लो। यहां हमारा कुछ नहीं होगा। जिले तक भी कभी सर पहुंचने की आशंका है। तभी तो जिले की टीम भी कार्यवाही नहीं करती। ग्राम पंचायत में पूर्व में हुए काम कुछ ही महीनों में जर्जर हो गए। जो लाखो करोड़ों की लागत से निर्मित थी लेकिन विभागीय अधिकारियों ने सारा का सारा कमीशन खुद हड़प लिया।
इन पंचायतों में हो रहा मशीनों से काम
आहारवानपुर, पीपलखेड़ा, गणेशखेड़ा, महेरोली, घिलोंदरा,पड़रा,रिछाई,कालीपहाड़ी डामरोंन, पिपरोदा आलम,सुलारकलां,इमलिया,मुहारीखुर्द, पहाडपुर,कुटावली, कमालपुर, सुजवाहा, देवखो, भितरगुवा, नयागांव, पातीचक आदि पंचायतों में माशीनो से काम हो रहे है