नामांतरण करने मांगी रिश्वत, 23000 रुपये लेते दो पटवारियों को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा

आवेदक शंकर लोधी ने जैसे ही रिश्वत की राशि पटवारियों को दी पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया।

Atul Saxena
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Gwalior Lokayukta police action : ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर एक भ्रष्ट सरकारी मुलाजिम को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, आरोपी पटवारी एक जमीन का नामांतरण करने के बदले 23000 रुपये की रिश्वत ले रहा था तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।

ग्वालियर लोकायुक्त एसपी राजेश मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक शिवपुरी जिले की पिछोर तहसील के ग्राम चीरवाहा निवासी  शंकर लोधी ने उनके कार्यालय में एक आवेदन देकर पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी।

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नामांतरण के बदले मांगी थी 25000 रुपये की रिश्वत  

शंकर लोधी ने आवेदन में बताया कि दो पटवारियों द्वारा उनकी पत्नी, भाई के नाम से खरीदी की गई जमीन का नामांतरण एवं वसीयत के आधार पर नामांतरण कराने के एवज में 25,000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है।  शिकायत की जाँच के बाद प्रमाण मिलने पर ट्रेप की प्लानिंग की गई।

रिश्वत लेते ही दबोच लिए गए दोनों पटवारी 

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम तय समय पर आज पिछोर पहुंचे, टीम के कहने पर आवेदक शंकर लोधी ने पटवारी हल्का चीरवाहा दिग्विजय परिहार तहसील पिछोर जिला शिवपुरी, एवं पटवारी हल्का घुघरी तहसील पिछोर जिला शिवपुरी प्रहलाद वर्मा को रिश्वत के रूप में 23000 रुपये दे दिए।

लोकायुक्त ने दर्ज किया मामला 

आवेदक शंकर लोधी ने जैसे ही रिश्वत की राशि पटवारियों को दी पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया। डीएसपी विनोद सिंह कुशवाहा,इंस्पेक्टर बृजमोहन नरवरिया, इंस्पेक्टर बलराम सहित 15 सदस्यीय  टीम आरोपियों को पिछोर थाने ले गई और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज का उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 

नामांतरण करने मांगी रिश्वत, 23000 रुपये लेते दो पटवारियों को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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