जानकारी के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता “आशा” बार बार नेशनल पार्क से बाहर निकल जाती है लेकिन इसके गले में लगी ट्रैकिंग डिवाइस (जीपीएस) की मदद से कूनो नेशनल पार्क की टीम इसे वापस नेशनल पार्क की सीमा में ले आती है है।
एक बार फिर बीती रात करीब 12 बजे मादा चीता आशा कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर शिवपुरी की तरफ निकल गई, ट्रैकिंग डिवाइस से उसे ट्रेक कर रही नेशनल पार्क की टीम उसे जंगल में तलाश रही है, वन विभाग की टीम शिवपुरी जिले के पोहरी थाने के गाँव बूराखेड़ा से गुजरी तो ग्रामीणों ने टीम पर हमला कर दिया।
दरअसल बताया ये जा रहा है कि वन विभाग की टीम के सदस्यों ने इस गाँव के आसपास तीन चार चक्कर लगाये, ग्रामीणों को शक हुआ कि कहीं डकैत या कोई मवेशी चोर तो नहीं हैं क्योंकि पिछले दिनों यहाँ मवेशी चोरी की घटनाएँ हो चुकी हैं, डकैत मूवमेंट भी कभी कभी रहता है , यही समझते हुए ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने वन कर्मचारियों को लाठियों से पीटा, मारपीट की और पत्थर मारकर उनके सरकारी वाहन में तोड़फोड़ कर दी।ग्रामीणों ने हवाई फायर भी किये। वन कर्मियों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई और अपने अधिकारियों को सूचना देकर पोहरी पुलिस थाने को सूचना दी, वनकर्मियों की शिकायत पर पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि मादा चीता आशा गुरुवार को शिवपुरी जिले के पोहरी के जंगल तक पहुँच गई थी, उसके गले में लगे रेडियो कॉलर की मदद से हमारी टीम वन रक्षक पवन अग्रवाल के नेतृत्व में उसकी तलाश कर रही थी तभी देर रात ग्रामीणों ने हमला कर दिया, हमले में पवन अग्रवाल और दो एनी वन कर्मी घायल हुए हैं हमने पोहरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर दी है।