Shivpuri News : शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में चारा घोटाले का मामला गरमाया हुआ है। दरअसल, ग्राम पंचायत भड़ौरा के सरपंच सचिव पर आरोप है कि उन्होंने चारा घोटाला करके लाखों रुपए की राशि को डकार लिया है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से जाकर की थी।
मंत्री ने मामले में जिला पंचायत सीईओ को जांच कराने को निर्देशित किया था। इसके बाद, जिला पंचायत सीईओ ने मामले में 2 सदस्य जांच कमेटी का भी गठन किया था लेकिन अधिकारियों द्वारा सीईओ के उस आदेश को नजरअंदाज कर दिया और जांच प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
गौरतलब है कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा मामले में इंटरफेयर करने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने एक जांच टीम का गठन किया था। जिला पंचायत सीईओ ने जांच टीम में पिछोर के तत्कालीन सीईओ पुष्पेंद्र ब्यास व वरिष्ठ डाटामैनेजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के मनोज नामदेव को जांच करके 10 मार्च को जांच प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया था।
आदेश को जांच कमेटी ने किया दरकिनार
जिला पंचायत सीईओ के आदेश को जांच टीम ने दरकिनार कर दिया चारा घोटाले में 10 मार्च तक जिला पंचायत में जांच प्रतिवेदन सौंपने के जिला पंचायत के सीईओ ने आदेश दिए थे लेकिन जांच कमेटी ने इस आदेश को दरकिनार करते हुए आज दिनांक तक जिला पंचायत को मामले की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी।
शिकायतकर्ता ने जांच कमेटी पर उठाए सवाल
इस मामले पर शिकायतकर्ता राघवेंद्र यादव व ग्रामीणों ने बताया कि जांच को इसलिए ठंडे बस्ते में डाल दिया क्योंकि चारा घोटाले में जांच कमेटी ने भी चारा खाया होगा। शिकायतकर्ता राघवेंद्र यादव की मांग है कि इसमें जिला स्तरीय जांच टीम बनाकर मामले की जांच कराई जाए और अगर कार्रवाई नहीं होती है तो इसकी शिकायत भोपाल जाकर यशोधरा राजे सिंधिया से करेंगे।
बता दें कि ग्राम पंचायत के सदस्यों को पशुओं की देखभाल करने और उनके लिए गोशाला बनाने की जिम्मेदारी होती है। इस तरह के अपराधों को नहीं छोड़ा जा सकता है और उन लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए जो इस प्रकार के अपराधों को करते हैं।
शिवपुरी से आशीष पांडे की रिपोर्ट