मध्य प्रदेश के कई जिलों में सिकल सेल एनीमिया का असर तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते राज्य सरकार ने इस खतरनाक बीमारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का फैसला किया है। दरअसल अब तक राज्य के 33 जिलों में सिकल सेल एनीमिया के 20,526 मामले सामने आ चुके हैं, जो एक गंभीर स्थिति की ओर संकेत करते हैं।
सिकल सेल एनीमिया का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा
दरअसल मध्य प्रदेश के 89 विकास खंडों में सिकल सेल एनीमिया का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, जिसका सबसे अधिक असर जनजातीय समुदायों पर हो रहा है। बता दें कि राज्य की कुल जनसंख्या का 21% हिस्सा इन जनजातीय समूहों का है, जिनमें सिकल सेल एनीमिया के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
बता दें कि यह एक वंशानुगत रोग है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होता है। इस बीमारी में शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं दरांती के आकार में बदल जाती हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
राज्य सरकार का अभियान
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने सिकल सेल मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्रों में विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे इस बीमारी की पहचान कर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
दरअसल राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने जनजातीय बहुल क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया की समस्या पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इस मिशन के तहत अब तक 33 जिलों में 59 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें 1.34 लाख सिकल सेल वाहक और 20,526 सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीज पाए गए हैं। राज्य सरकार ने इन प्रभावित जिलों में 6 से 10 बेड वाले उपचार केंद्र स्थापित किए हैं, जहां मरीजों का नियमित इलाज किया जा रहा है।