सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। एनटीपीसी (ntpc) विन्ध्यनगर के पानी निकासी हेतु बनाया गया वाटर कैनाल यहां के रहवासियों के लिए मौत का शबब बनता जा रहा है।इस खूनी कैनाल में आज गुरूवार को एक 17 वर्षीय नाबालिग का शव तैरता हुआ देखा गया जिससे इलाके में सनसनी फैल गयी है।मृतक की पहचान गहिलगढ़ पूर्व निवासी पंकज साहू पिता अंजनी साहू उम्र 17 वर्ष के रूप में हुयी है। 20 जुलाई को घर से निकले किशोर का शव 24 घंटे बाद 21 जुलाई को गहिलगढ़ पूर्व एन टी पी सी के हाइड्रो पावर प्लांट के पास कैनाल में मिला। सूचना बाद विंध्यनगर टी आई यू.पी सिंह के निर्देश पर जहां शव को पुलिस टीम ने गहरे कैनाल से बाहर निकाला वहीं किशोर के मौत की खबर के बाद स्थानीय ग्रामीणों के साथ ,आप, बसपा व बीजेपी के कई नेता घटना स्थल पर पहुंचे।
घटना की जानकारी में विंध्यनगर टी आई यू पी सिंह ने बताया की मृतक पंकज शाह पुत्र अंजनी शाह उम्र 17 वर्ष निवासी गहिलगढ़ पश्चिम 20 जुलाई को घर से किसी फर्नीचर की दुकान पर काम करने के लिए निकला था जो पूरे दिन व पूरी रात घर वापस नहीं आया।टी आई को सूचना मिलते ही जिसके बाद टीम को भेजकर शव को कैनाल से बाहर निकाला गया। पुलिस शव का पीएम आदि की कार्यवाही आगे बढ़ाती इससे पूर्व परिजन उचित मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर लामबंद हो गए।
किशोर की संदिग्ध मौत की खबर जंगल में लगी आग की तरह क्षेत्र में फैल गई । जिसके बाद आप पार्टी की नव निर्वाचित महापौर रानी अग्रवाल, भाजपा के निवर्तमान ननि अध्यक्ष व बीजेपी के महापौर प्रत्याशी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा व बसपा के जिलाध्यक्ष राधिका प्रसाद वर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश शाहवाल व बसपा के वरिष्ठ नेता व महापौर प्रत्याशी बंशरूप शाह, आप पार्टी के सक्रिय सदस्य अभिमन्यु सिंह चंदेल चितरंगी,कुंदन पाण्डेय,आप यूथ अध्यक्ष अक्षय शाह आदि भारी संख्या में राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी व समर्थक पहुंच गए। दलगत राजनीति से परे महापौर रानी अग्रवाल सहित सभी पार्टी के पदाधिकारियों ने एक स्वर में पीड़ित परिवार को मुआवजा , नौकरी व कैनाल के दोनो तरफ ऊंची बाउंड्रीवॉल का निर्माण करने की मांग की। प्रबंधन के जिम्मेदारों ने आश्वासन दिया की अगले 6 माह तक कैनाल के दोनो तरफ बाउंड्री वॉल का निर्माण हो जायेगा।
नव निर्वाचित महापौर श्रीमति अग्रवाल सहित तमाम नेताओं के दबाव बाद एन टी पी सी प्रबंधन मृतक परिवार के एक सदस्य को अस्थाई नौकरी व अंतिम संस्कार के नाम पर केवल 50000 रुपए की आर्थिक मदद देकर मुआवजे की औपचारिकता को पूरा किया। बताया गया की प्रदेश सरकार की ओर से 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।