Singrauli News : एनटीपीसी से निकलने वाली राख (फ्लाई ऐश) का परिवहन इन दिनों सिंगरौलीवासियों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। नियम तो तमाम है परन्तु उन नियमों को दरकिनार कर राख परिवहन हो रहा है जिसका खामियाजा यहां के रहवासियों को भुगतना करना पड़ रहा है। हैवी वाहनों से रात भर मनमाने तरीके से राख का परिवहन किया जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण सुबह देखने को मिलता है जब सुबह राख पूरी सड़क पर पसरी हुई दिखती है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि एनटीपीसी के ऐसडाईक बलियरी से राखड़ का परिवहन बरगवॉ क्षेत्र के साथ-साथ अन्य जगह में किया जा रहा है। इसकी मॉनीटरिंग एनटीपीसी विंध्याचल का प्रबंधन कर रहा है। किन्तु एनटीपीसी प्रबंधन एवं ट्रांसपोर्टर के घोर लापरवाही का खामियाजा बैढऩ शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि बलियरी से लेकर बैढऩ, ताली बिलौजी होते हुए कचनी, परसौना तक जगह-जगह राखड़ सड़कों पर फैला रहता है। शुक्रवार की सुबह हद तब हो गयी जब शहर के लोग बाग मार्निंग वाक् पर निकले हुये थे और बैढऩ शहर के सड़कों पर भारी मात्रा में राखड़ देख चिंता जाहिर करने लगे। जिला प्रशासन इन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? इधर यह भी बताया गया कि यह दिनचर्या में आ रहा है जो भविष्य के लिये अच्छे संकेत नहीं हैं। सड़क में कितना भी झाडूू़ लगाये दोपहर के समय यदि धूप खिली तो हवाओं के साथ राखड़ को उडऩे से कोई नहीं रोक पायेगा।फिलहाल जिला मुख्यालय बैढऩ में कोयले के डस्ट के बाद अब तापीय बिजली परियोजनाओं से निकलने वाले धूओं के साथ राखड़ के डस्ट से भी सामना कर लडऩा पड़ेेगा। यह सब जिला प्रशासन का एनटीपीसी प्रबंधन पर दरियादिली का नतीजा है। जिसको लेकर अब पर्यावरण प्रदूषण का और खतरा मडऱाता दिख रहा है।
बैढऩ शहर एवं जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ठीक सामने सड़क पर फैले राखड़ को लेकर जहाँ शुक्रवार की सुबह बुद्धजीवियों ने जिला प्रशासन को जमकर कोसा वहीं यह भी सवाल उठाया गया कि प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय अधिकारी इन दिनों गहरी निद्रा में हैं। वे कोल कंपनियों पर शिकंजा कसने से भागते नजर आते हैं।प्रबुद्धजनों ने यहॉ तक कहा कि बैढऩ के नौगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय अधिकारी के रहने का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल रहा है बल्कि दिन व दिन प्रदूषण तेजी के साथ फैल रहा है। अधिकारी कुंभकरणीय निद्रा में हैं। लोग पर्यावरण प्रदूषण से कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इन दिनों जिला प्रशासन भी इस पर कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा है और ना ही एनटीपीसी प्रबंधन पर सख्ती दिखा रहा है। जिससे शहरवासियों में नाराजगी पनपने लगी है।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट