SP से की शिकायत, दो पुलिस अधिकारी करते हैं जातिगत अपमान और प्रताड़ित

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। लगता है ग्वालियर जिले के माधौगंज थाने के दिन इन दिनों खराब चल रहे हैं। कल सोमवार को व्यापारियों के लेनदेन के बीच आये कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) नेताओं के बीच हुआ हंगामा अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि आज फिर माधौगंज पुलिस थाने के दो पुलिस अधिकारियों (Police Officers) के खिलाफ शिकायत लेकर लोग एसपी के पास पहुँच गए। फरियादी ने एसपी (SP) को दिये आवेदन में कहा कि सब इंस्पेक्टर गंभीर सिंह यादव और अरविंद तोमर हमारा जातिगत अपमान कर हमें लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे हैं । एसपी एजेके ने उनका आवेदन लेकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।

माधौगंज थाना क्षेत्र के आपागंज में रहने वाले हरीश उमरैया ने एसपी एजेके (SP AJK) राय सिंह नरवरिया को एक लिखित आवेदन देकर उनके परिवार के साथ दो पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार जातिगत अपमान और प्रताड़ित करने की शिकायत की है। हरीश ने कहा कि 11 नवंबर को मेरे भतीजे लोकेंद्र के साथ पड़ोस में रहने वाले गौरव पठवार और अन्य लोगों ने मारपीट की। जिसकी शिकायत करने वो माधौगंज थाने में गया तो वहाँ पदस्थ सब इंस्पेक्टर गंभीर सिंह यादव और अरविंद तोमर ने उसकी शिकायत नहीं ली उल्टा उसे जातिगत रूप से अपमानित कर परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर राजीनामे का दबाव बनाया जिसके बाद मेरे भतीजे ने राजीनामा तो कर लिया लेकिन पुलिस अधिकारियों के व्यवहार से दुखी होकर उसने 16 नवंबर को जहरीला पदार्थ पी लिया। हम भतीजे की जान बचाने में लगे थे तो खुद को फंसता देख पुलिस के दोनो अधिकारियों ने मारपीट के आरोपी के परिवार की एक लड़की से आवेदन दिलवाकर भतीजे पर झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। और तब से दोनों पुलिस अधिकारी और अधिक परेशान कर रहे हैं, आवेदन लेने के बाद एसपी एजेके (SP AJK) राय सिंह नरवरिया ने कहा कि शिकायती आवेदन आया है। उसे संबंधित एसपी (SP) के पास भेजा गया है । उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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