आज से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी की प्रक्रिया पूरे प्रदेश के लगभग 1400 केंद्रों पर शुरू की जा रही है। दरअसल आज से शुरू होने जा रही सोयाबीन खरीदी को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है, कि सोयाबीन उपार्जन की पूरी प्रक्रिया संवेदनशीलता से की जाना चाहिए, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार, केंद्र से निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त भी सोयाबीन का उपार्जन करने वाली है, ताकि इससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल पाए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को दिए निर्देश
दरअसल 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक मध्य प्रदेश में ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों ने बड़ी मात्रा में पंजीयन करवाया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान लगभग 3 लाख 44 हजार किसानों ने पंजीयन करवाया है। जानकारी दे दें कि इस खरीदी प्रक्रिया में वही किसान भाग ले सकेंगे जिन्होनें इसके लिए पंजीयन करवाया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि किसानों से किए जाने वाले अनाज के खरीदी केंद्रों की संख्या में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन भी किया जा सकेगा।
किसानों को ऑनलाइन किया जाएगा भुगतान
वहीं सोयाबीन की खरीदी का भुगतान किसानों को पूरी तरह से ऑनलाइन ही किया जाएगा। जिससे पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित की जा सके। इस प्रक्रिया से किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हो जाएगा। दरअसल इस बड़े कदम से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी। बता दें कि किसानों से की जानें वाली सोयाबीन खरीदी के लिए पहले चरण में 1400 केंद्र बनाए गए हैं, हालांकि दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी और सिंगरौली जैसे जिलों से प्रस्ताव आने पर ही सोयाबीन उपार्जन की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानकारी दी कि यह खरीदी 31 दिसंबर 2024 तक की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। दरअसल सर्मथन मूल्य पर नजर डालें तो इस वर्ष सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।