मध्य प्रदेश के इंदौर में चांदीपुरा वायरस का संदिग्ध मामला सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है। दरअसल खरगोन जिले के 22 वर्षीय युवक में इस खतरनाक वायरस से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार युवक को गंभीर हालत में इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है। इस वायरस के संभावित संक्रमण की पुष्टि के लिए युवक का सैंपल पुणे की एक विशेष प्रयोगशाला में भेजा गया है।
दरअसल खरगोन जिले के कसरावद क्षेत्र के पीपलगोन गांव में एक 22 वर्षीय युवक को गंभीर बुखार और अन्य लक्षणों के साथ पिछले शनिवार को इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंदौर के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को तुरंत संज्ञान में लिया और खरगोन जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित किया।
वहीं इसके बाद, खरगोन के सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया और इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सेतिया ने मिलकर इस मामले की गंभीरता को समझते हुए युवक के सैंपल जांच के लिए पुणे भेज दिए।
बता दें कि चांदीपुरा वायरस का खतरा भले ही नया लग सकता है, लेकिन इसका इतिहास काफी पुराना है। इस वायरस का सबसे पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में सामने आया था, और इसी के आधार पर इसे चांदीपुरा वायरस नाम दिया गया। यह वायरस मुख्य रूप से मच्छरों, टिक, और सैंड फ्लाई (रेत मक्खी) जैसे वाहकों द्वारा फैलता है।
दरअसल चांदीपुरा वायरस के लक्षण शुरुआत में साधारण बुखार और सिरदर्द की तरह प्रतीत होते हैं, लेकिन संक्रमण के बढ़ने के साथ मरीज की हालत तेजी से बिगड़ सकती है। इसके लक्षणों में अत्यधिक बुखार, उल्टी, सांस लेने में कठिनाई, और शरीर में ऐंठन शामिल हो सकते हैं। कुछ मामलों में, यह संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंचकर सूजन (एनसेफेलाइटिस) का कारण बन सकता है। यह वायरस तेजी से फैलता है और विशेष रूप से बच्चों को अधिक प्रभावित करता है।