जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने गौ बचाने को लेकर अब गौ कैबिनेट का गठन किया है जिसमे की पांच विभाग को शामिल किया गया है,गौ कैबिनेट के गठन होने पर गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने खुशी जताई है।
गोपा अष्टमी के दिन आगर मालवा में होगी “गौ कैबिनेट” की बैठक
गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि ये गौ कैबिनेट 6 विभागों को जोड़ करके “गौ कैबिनेट” का गठन किया गया है जिसकी बैठक गोपाष्टमी के दिन आगर मालवा में की जा रही है।यह कैबिनेट बैठक 14 सौ एकड़ में बने गौ अभ्यारण में होगी जिसमें की 6 विभाग के मंत्री और सचिव भी शामिल होंगे।इस बैठक मे शिवराज सिंह के नेतृत्व में बने गौ शालाओं को लेकर चर्चा होगी।साथ ही देखा जाएगा कि अभी तक जो प्रदेश में गौशालाए चल रही उसकी रूप रेखा बनाई जाएगी हैं।
प्रदेश भर के गौ भक्त कैबिनेट बैठक में होंगे शामिल
गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद महाराज ने बताया कि इस बैठक में प्रदेश भर के गौ भक्त जो कि विभिन्न तरीके से गौ शाला चला रहे है वो लोग उपस्थित होकर गौ अभ्यारण्य को लेकर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में कृषि,गृह,पंचायत,पशुपालन,वन विभाग और राजस्व विभाग के मंत्री और सचिव शामिल होंगे जो कि गौ भक्तों के साथ बैठकर कार्य योजना बनाएंगे।
भवनात्मक आंदोलन सिर्फ गाय के लिए होते है
गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि आज पूरे देश मे गायों की रक्षा के लिए लोग सड़कों पर उतर रहे है,आज गायों के लिए आंदोलन हो रहे है जो बता रहा है कि अब समय आ गया है कि गाय की रक्षा के लिए अभयारण की मांग उठने लगी है।
कमलनाथ सराकर ने की थी कोशिश
गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश्वर नंद महाराज ने कमलनाथ सरकार के 15 महीनों के कार्यकाल में जो गौशालाओं के लिए काम हुए थे उसकी भी तारीफ की उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कमलनाथ ने 15 माह के कार्यकाल में कुछ गौ शाला जरूर बनवाई थी पर गौशालाओं को बनवाने के बाद कमलनाथ या फिर उनके किसी मंत्रि ने गौ शाला जाकर उसकी दशा नहीं देखी,उन्होंने कहा कि सिर्फ गौ शाला बनाने बस से गायों की रक्षा नहीं हो जाती है।
सिर्फ चर्चा न हो उस पर काम भी हो
गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि गौ कैबिनेट का गठन निश्चित रूप से होना गायों की रक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा पर यह गौ कैबिनेट का गठन सिर्फ चर्चा तक ही सीमित ना रहे इस पर व्यवहारिक रूप से काम भी होना अति आवश्यक है जिससे कि गाय की न सिर्फ रक्षा हो बल्कि गाय सड़को पर भी नही दिखेगी।