मुरैना, नितेंद्र शर्मा। मध्यप्रदेश पुलिस के एक आरक्षक ने एसपी को पत्र लिखकर आत्महत्या करने की चेतावनी दी है, पत्र में आरक्षक ने पुलिस लाइन के आर आई और बड़े बाबू पर प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र सार्वजनिक हो जाने के बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है। आरक्षक ने पत्र को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है जिसके बाद उसके परिजन और दोस्त उसे कोई गलत कदम नहीं उठाने की गुजारिश कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह भले ही प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को ईमानदारी और निष्ठा से काम करने का सन्देश देते हैं लेकिन वे कितने दबाव में काम करते हैं इसकी बानगी देखने को मिली है पुलिस विभाग में। ताजा मामला मुरैना जिले का हैं जहाँ पदस्थ एक आरक्षक के एक पत्र ने हड़कंप मचा रखा है।
दरअसल मुरैना पुलिस के आरक्षक अनुराग शर्मा (1044) का एक पत्र वायरल है। आरक्षक अनुराग शर्मा द्वारा एसपी मुरैना को सम्बोधित पत्र में मुरैना पुलिस लाइन में पदस्थ आरआई कृष्णपाल तोमर और बड़े बाबू ओपी शर्मा पर उसे प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरक्षक ने लिखा है कि मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है , बड़े बाबू ओपी शर्मा धमकी देते हैं कि मैं तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा, बड़े बाबू के कहने पर आर आई ने मुझे पहाड़गढ़ भेज दिया , मैंने निवेदन किया कि मेरी दो साल की छोटी बच्ची है जो बीमार रहती है फिर भी इन लोगों को दया नहीं आई।
आरक्षक अनुराग शर्मा ने पत्र के आखिर में लिखा ” श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय से निवेदन है की प्रार्थी की मृत्यु के उपरांत उचित कार्यवाही करने की कृपा करें। मेरी मृत्यु के जिम्मेदार आरआई कृष्णपाल तोमर और बड़े बाबू ओपी शर्मा रहेंगे ।
आरक्षक अनुराग शर्मा ने इस पत्र को फेसबुक पर भी पोस्ट किया है। जिसके बाद उनके परिजन, दोस्त और फेसबुक पर जुड़े लोग उन्हें कोई भी गलत कदम नहीं उठाने की सलाह दे रहे हैं।
उधर इस मामले में जब मीडिया ने एडिशनल एसपी राय सिंह नरवरिया से सवाल किये तो उन्होंने कहा कि जो पत्र वायरल हो रहा है उस मामले की जाँच कराएँगे, आरक्षक के आरोपों की भी जाँच कराएँगे। साथ ही उन्होंने आरक्षक द्वारा पत्र वायरल करने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ शिकायत करने का एक प्रॉपर चैनल है , एसपी, डीआईजी,आईजी फिर डीजीपी तक शिकायत की जा सकती है लेकिन सोशल मीडिया पर शिकायत क्यों की गई इसकी भी जाँच की जाएगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....