ओंकारेश्वर, सुशील विधानी| अधिकमास की समाप्ति और अमावस्या एक साथ होने से करीब 70 हजार श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिए ओंकारेश्वर पहुंचे। गुरुवार रात्रि से लेकर शुक्रवार दोपहर तक घाटो पर तांत्रिक क्रियाओं का दौर चलता रहा। इधर ओंकारेश्वर मंदिर दर्शन के लिये श्रद्धालुओं में कमी देखी गई।वैसे प्रशासन द्वारा सुखदेव मुनी द्वार से ही दर्शन कराने की व्यवस्था की गई थी।
अमावस्या पर नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला गुरुवार शाम से ही शुरू हो गया था जो शुक्रवार दिन भर चलता रहा। तेज ऊमस और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ तीर्थनगरी के नर्मदा घाटों पर दिखाई दी, सुबह से ही नागर घाट, अभय घाट केवलरामघाट, नर्मदा-कावेरी संगम घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। नर्मदा में भरपूर पानी होने से स्नान करने में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई। दिन भर नर्मदा स्नान और तांत्रिक क्रियाओं का सिलसिला जारी रहा। घाटों पर दान-पुण्य करने के पश्चात श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने के लिये कम ही संख्या में पहुंचे। ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सुखदेव मुनी द्वार से दर्शन कराने की व्यवस्था की गई थी।
वाहनों के नगर प्रवेश पर रहा प्रतिबंध
अमावस्या पर अधिकांश श्रद्धालु अपने-अपने निजी वाहनों से ही पहुंचे थे। प्रशासन द्वारा सभी चार पहिया वाहनों को वन विभाग की चौकी के सामने स्थित भगवान आदि गुरु शंकराचार्य तिराहे से नगर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन वाहनों को कुबेर भंडारी मंदिर श्री गजानन आश्रम के सामने खुली जगह पर तथा झुला पुल पार्किंग सहित बाँध रोड पर पार्क करवाया गया। लोग अपने-अपने वाहन पार्किंग में खड़ा कर ब्रह्मपुरी घाट पर स्नान करने के पश्चात नौका विहार का आनंद भी लिया कुछ श्रद्धालुओं ने तेज धूप के बावजूद भी ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी लगाई। नगर परिषद द्वारा नर्मदा के घाटो पर सफाईकर्मी तैनात किये गये थे तथा स्थायी रूप से स्थापित प्याऊ में दिन भर टैंकरों से पानी पहुंचाया गया।