भोपाल, मध्य प्रदेश। सरकारी नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी को लेकर क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हासिल हुई है, जहां उसने सोमवार को एक ऐसे बीई कम्प्यूटर साइंस पास जालसाज को गिरफ्तार किया, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन से पांच लाख रुपये ऐंठने के बाद फरार हो जाता था। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। टीम को यकीन है की अभी इससे और खुलासे हो सकते है।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कोटरा सुल्तानाबाद कमला नगर में पाण्डेय बालक छात्रावास संचालित करने वाला आयुष कुमार पांडे लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम हड़प लेता है, बाद में उनको नियुक्ति और साक्षात्कार के फजी पत्र देकर रफूचक्कर हो जाता था। आरोपित के बारे में जानकारी मिलने पर क्राइम ब्रांच ने उसके ठिकाने रविवार रात पर छापा मारा, जहां से पुलिस को जाली दस्तावेज, दतिया मेडिकल कालेज के डीन के सील व उनके फर्जी लेटर पैड बरामद हुए हैं। इसके अलावा चार सौ के करीब फर्जी नौकरी के नियुक्ति पत्र मिले हैं। आरोपी करीब 32 मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति दिलाने के नाम पर इस फर्जीवाड़े का धंधा चला रहा था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। घटना के संबंध में आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा रही है।
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छापेमारी में आरोपी के घर से नियुक्ति प्रमाण पत्र, फर्जी आई कार्ड्स जिनमें अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया मप्र की सील लगी हुई सीलें, दो रजिस्टर व एक कंप्यूटर से निकले प्रिंट की सूची, दो कंप्यूटर मिले। हालांकि, आरोपी ने नौकरी के नाम पर ठगी की बात कबूल ली है।
आपको बता दे, आरोपी आयुष शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया में चपरासी पद, लोवर ग्रेड क्लर्क के पद, ड्राइवर पद, लाइब्रेयिन पद, सफाई कर्मी पद, लैब अटेंडेंट पद पर नौकरी लगवाने हेतु ठगी करता था।
खाना बनाने से लेकर ठगी तक
आयुष कुमार पांडे बिहार से है और यहां वह खाना बनाया करता था। इसके बाद लोगों को ठगने के लिए उसने पूरा गिरोह ही बना लिया। ठगी के रूपयों से वह तरह – तरह का कारोबार कर रहा था। उसकी कई तरह की कंपनियां के होने के दस्तावेज भी मिले है।