23 साल से भटक रही थी, मंत्री ने दो घंटे में दिलवा दी विधवा पेंशन, पैरों में रखा सिर

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। खुद को जनता का सेवक बताने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) जन समस्या निवारण शिविरों में इसी भूमिका में दिखाई देते हैं। पिछले दिनों उन्होंने कांच मिल रोड पार्क में आयोजित जन समस्या निवारण शिविर (Jan Samasya Nivaran Shivir)में एक वृद्ध महिला के पैरों में बैठकर उसे 10 महीने से नहीं मिल रहे राशन की समस्या को तत्काल दूर कराया तो बीते रोज आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में उन्होंने 23 साल से विधवा पेंशन के लिए भटक रही एक महिला को दो घंटे में पेंशन दिलवा दी। इतना ही नहीं मंत्री ने महिला के पैरों में सिर रखकर आशीर्वाद भी लिया ।

मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) में ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर विधानसभा के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर इन दिनों अपनी विधानसभा में जन समस्या निवारण शिविर लगाकर मौके पर ही लोगों की समस्या का निराकरण कर रहे हैं। खास बात है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का जन समस्या निवारण शिविर आम शिविरों से अलग होता है। उनके शिविर में जनता कुर्सी पर बैठी होती है और मंत्रीजी खुद उनके पास पहुंचकर उनका आवेदन लेते हैं और सम्बंधित अधिकारी को माइक पर आवाज लगाकर बुलाते हैं और समस्या का निराकरण करते हैं। शनिवार को ऊर्जा मंत्री ने अपनी विधानसभा के मोतीझील चंबल कॉलोनी के पास जन समस्या निवारण शिविर लगाया। शिविर में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे । ऊर्जा मंत्री जनता के पास जाकर उनकी समस्या सुन रहे थे इसी दौरान उन्होंने एक महिला मुन्नी बाई प्रजापति से जब उसकी समस्या पूछी तो उसने बताया कि उसके पति को मरे हुए 25 साल हो गए और वो पिछले 23 साल से विधवा पेंशन के लिए भटक रही है। मंत्री तोमर ने तत्काल संबंधित आधिकारी को बुलाया और निराकरण के निर्देश दिया और मात्र दो घंटे में महिला की विधवा पेंशन का 23 साल पुराना मामला हल हो गया। मंत्री तोमर ने महिला मुन्नी बाई प्रजापति को विधवा पेंशन सर्टिफिकेट शिविर में ही सौंपा और उसके पैरों में सिर रखकर आशीर्वाद भी लिया।

सबसे ज्यादा समस्या बिजली से संबंधित

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मुन्नी बाई की तरह ही रफीकन बानो और शांति देवी को विधवा पेंशन के सर्टिफिकेट शिविर में दिये। ये दोनों महिलाएं भी पांच साल से विधवा पेंशन के लिए भटक रहीं थी। जन समस्या निवारण शिविर में वैसे तो कई विभागों की समस्यायें सामने आई लेकिन सबसे ज्यादा समस्याएं ऊर्जा मंत्री के खुद के विभाग की आईं। शिविर में समस्याओं से जुड़े कुल 4500 आवेदन आये। इनमें वृद्ध एवं विधवा पेंशन के 135 आवेदन, कामकाजी महिलाओं की परेशानी के 735 आवेदन, हाथ ढेला चलाने वालों के 115 आवेदन, केशशिल्पी के 35 आवेदन, राशन शुरू करने के लिए 112 आवेदन, मजदूरी कार्ड के लिए 55 आवेदन, समग्र आईडी बनवाने से से संबंधित 43 आवेदन और बिजली संबंधित शिकायतों के 216 आवेदन आये। ऊर्जा मंत्री ने आवेदन को देखकर उसपर टीप लगाकर संबंधित अधिकारी को निराकरण के निर्देश के साथ सौंप दिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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