विधायक का सवाल Lockdown में शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश क्यों नहीं ?

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona infection) को देखते हुए ग्वालियर में भी रविवार को Lockdown घोषित किया  है। चूँकि  रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू पहले से ही लागू है इस हिसाब से ग्वालियर में बाजार शनिवार को रात 10 :00 बजे बंद होंगे और ये सोमवार सुबह 6:00 बजे तक बंद रहेंगे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने धारा 144  के तहत जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि जो कोई भी आदेश का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की आएगी।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Kaushalendra Vikram Singh) ने जारी किये धारा 144  के आदेश में कहा है कि Lockdown के दौरान रविवार को सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान, जिम, स्वीमिंग पूल, सिनेमाघर, मॉल आदि बंद रहेंगे जिससे बाजार में भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak) ने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Kaushalendra Vikram Singh)के इसी आदेश पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने इस विषय में कलेक्टर को पत्र लिखा है।

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कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak) ने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Kaushalendra Vikram Singh) को पत्र लिखकर पूछा है कि  आदेश में शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश क्यों नहीं है ? विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak) ने पत्र में कहा कि  यदि शराब की दुकाने बंद करने से सरकार को राजस्व की हानि होती है तो व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद होने से व्यापारियों को भी आर्थिक नुक्सान होता है विधायक ने कड़े शब्दों में लिखा कि  आप जनता को भूखा मत मारो, कुछ तो आम आदमीं की मुसीबतों को समझो। इस प्रकार आपके द्वारा शराब कारोबारियों को छूट जिम, छोटे व्यवसाइयों आदि पर पाबन्दी, कहाँ से लाते हैं आप इतना अनौखा ज्ञान? कौन दे रहा है आपको इस  तरह की कार्यवाही के निर्देश? आप सरकार के  प्रतिनिधि के साथ साथ जनता के सेवक भी हैं। यदि आपकी नजर में शराब की दुकानों को खोला जाना आवश्यक है तो शेष व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं गतिविधियों को भी को भी खोला जाना चाहिए।

विधायक का सवाल Lockdown में शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश क्यों नहीं ?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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