Stree Movie Gate: दुनिया में अधिकांश लोगों को घूमने-फिरने का बेहद शौक होता है। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें नई-नई जगह पर घूमने और उस जगह के बारे में जानना बेहद पसंद होता है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक है तो शायद आपको आज का आर्टिकल बहुत ही अच्छा लगेगा। हम आपके लिए आज मध्य प्रदेश की एक ऐसी जगह लेकर आए हैं जहां “स्त्री 2” की शूटिंग हुई है, जी हां, यह जगह बहुत ही दिलचस्प है। अगर आपने “स्त्री 2” मूवी देखी हो तो शायद आपको याद होगा कि इस मूवी में एक गेट दिखाया गया है। फिल्म के कई पार्ट में इस गेट को बार-बार दिखाया गया है, तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह गेट कहां मौजूद है और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानी भी जानते हैं।
मध्य प्रदेश के चंदेरी में स्थित “कटी घाटी गेट” एक विशेष ऐतिहासिक स्थल है। यह गेट जमीन से 230 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसकी ऊंचाई 80 फीट और चौड़ाई 39 फिट है। चंदेरी का यह ऐतिहासिक गेट जो हाल ही में स्त्री 2 फिल्म की शूटिंग के कारण चर्चा में है। अब हर कोई इस गेट के बारे में जानना चाहता है हमने आपको यह तो बता दिया कि यह गेट मध्य प्रदेश में कहां है। अब हम बताएंगे कि इस गेट की क्या खासियत है।
चंदेरी जो अपने किलों और खूबसूरत परिदृश्य के लिए मशहूर है, वही इस गेट ने अब चंदेरी को एक अलग पहचान दे दी है। अगर इस गेट की कहानी की बात की जाए तो यह गेट सदियों पुराना है। फिल्म स्त्री के पहले भाग में भी इस गेट को विशेष रूप से दिखाया गया था, और इसके रहस्यपूर्ण और रोमांचक माहौल ने इसे एक लोकप्रिय स्थल बना दिया।
सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी के स्वागत में बनाया था गेट
कटी घाटी गेट को 1480 ई. में उस समय के राजा शेर खान के बेटे जिमन खान ने बनवाया था। बुंदेलखंड और मालवा से चंदेरी की ओर आते समय यह गेट दिखाई पड़ता है। इस गेट को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इस गेट का निर्माण सिर्फ और सिर्फ मालवा के सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी के स्वागत के लिए किया गया था। इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि इस गेट को मात्र एक रात में बनाया गया था, ताकि सुल्तान का भव्य स्वागत किया जा सके। इस कहानी के अनुसार रात की संध्या में निर्माण कार्य शुरू हुआ और पूरी रात की मेहनत के बाद अगले दिन सुल्तान की आगमन से पहले ही यह गेट तैयार हो गया था।
मुंह मांगी रकम देने का किया था वादा
इस गेट का नाम कटी घाटी गेट इसलिए रखा गया था क्योंकि गेट बनने से पहले यह शर्त रखी गई थी कि जो भी व्यक्ति पूरी घाटी को काटकर एक रात में मालवा सुल्तान के स्वागत से पहले इसे तैयार करेगा उसे मनचाहा इनाम दिया जाएगा। इस चुनौती ने कारीगरों को उत्साहित किया और उन्होंने पूरी रात मेहनत करके इस विशाल गेट को तैयार किया। इसीलिए इस गेट का नाम कटी घाटी पड़ा।
राजा ने नहीं दिया कोई इनाम
इस दिलचस्प गेट की कहानी तब मोड़ लेती है जब इस गेट को एक ही रात में तैयार करने के बाद राजा शेर खान ने मजदूरों और कारीगरों को इनाम देने से साफ मना कर दिया। राजा ने कहा कि वे इस गेट के लिए इनाम इसलिए नहीं देंगे क्योंकि इस गेट में कोई दरवाजा नहीं है जिस वजह से चंदेरी असुरक्षित है। यह सुनने के बाद कटी घाटी को बनाने वाले एक मजदूर ने इसी गेट से कूद कर अपनी जान दे दी थी। इसके बाद इस गेट के पास ही उस मजदूर का मकबरा भी आपको देखने को मिलेगा। तब से ही यह गेट वैसा का वैसा ही है आज भी इस गेट में कोई दरवाजा नहीं लगा है।