कोरोना के बीच सोशल मीडिया पर हो रहा ट्रेंड- पूछता है ग्वालियर, कहाँ हो बॉस और महाराज

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना काल में ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन (oxygen) की कमी के बाद मचे हाहाकार और लगातार बिगड़ते हालात के दौर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)  राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की गैर मौजूदगी पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।  कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन #पूछता है ग्वालियर शुरू किया है जिसमें कांग्रेस ने लिखा है “तुम्हारे शहर में हाहाकार मचा है आज , कहाँ हो बॉस और महाराज”

ग्वालियर में ऑक्सीजन की कमी और कोरोना मरीजों के लिए दम तोड़ती व्यवस्थाओं के चलते हालात चिंताजनक हो गए हैं।  ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए मरीज के परिजन और अस्पताल संचालक यहाँ वहां भटक रहे हैं। और सड़क पर चक्क जाम कर रहे हैं  लेकिन ऑक्सीजन (oxygen) उपलब्ध नहीं हो पा रही है, रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी  ब्लैक में खरीदना पड़ रहा है, अस्पतालों में जगह नहीं है , पेशेंट भर्ती नहीं हो पा रहे।  हालाँकि जिला प्रशासन व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की भरसक कोशिश कर रहा है लेकिन उसके प्रयास नाकाफी सबित हो रहे हैं।

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कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक प्रवीण पाठक, विधायक सतीश सिंह सिकरवार, पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं लेकिन महामारी के इस दौर में अंचल के दो बड़े नेताओं का गायब होना चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस ने तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)   और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के ग्वालियर से दूरी पर एक अभियान छेड़ दिया है।  कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर हैशटैग शुरू किया है #पूछता है ग्वालियर।  “तुम्हारे शहर में मचा है हाहाकार कहाँ हो बॉस, कहाँ हो महाराज।”

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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