भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। रविवार को भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों के कामकाज से खराब रवैए के बारे में मुख्यमंत्री को सूचना दी। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में जांच पड़ताल करेंगे और अगर जरूरी हुआ तो प्रशासनिक फेरबदल किया जाएगा। बैठक में जनभागीदारी समिति, सरकारी वकीलों और प्रदेश के निगम मंडलों में जो राजनीतिक पद खाली पड़े हैं। उन पर जल्द ही नियुक्तियां करने की बात भी कही गई।
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि 2 नवंबर तक पार्टी की अमरकंटक में चिंतन बैठक आयोजित होगी। बैठक में मिशन 2023 की रणनीति तय करते हुए निकाय चुनाव में जिन जिलों में हार का सामना करना पड़ा है। वहां जिलाध्यक्षों में फेरबदल किया जाएगा। बैठक नए फार्मूले पर भी चर्चा हुई। इस फार्मूले के तहत बड़े जिले की जिम्मेदारी दो तीन मंत्रियों को देने की चर्चा की गई है। इसी के साथ अब जिलों में प्रभारी मंत्री के साथ एक टीम भी मौजूद रहेगी। वर्तमान में जो व्यवस्था चल रही है उसके अंतर्गत एक ही मंत्री को अधिकतम 2 जिलों का प्रभार सौंपा गया है। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत 1 जिले का प्रभार एक से ज्यादा मंत्रियों को दिया जाएगा। ये फैसला खासकर उन जिलों के लिए लिया गया है जहां पर पार्टी को हाल ही में हुए निकाय चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा।
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मध्य प्रदेश में इस महीने 13 जिलों के 46 नगरीय निकायों में चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी 13 जिलाध्यक्षों को दी गई है। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में देर रात हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। शर्मा ने हाल ही में रीवा, सीधी, सिंगरौली जिले का दौरा भी किया है।
बैठक में अफसरों की पदस्थापना किए जाने पर भी चर्चा की गई है और हो सकता है कि जल्दी प्रशासनिक फेरबदल करते हुए अफसरों का ट्रांसफर किया जाए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा किए जा रहे कामकाज पर असंतोष जताया है और जिन जिलों में मंत्रियों को प्रभार दिया गया है उनके वहां दौरे ना होने पर नाराजगी व्यक्त की है।
बैठक में ब्यूरोक्रेसी पर भी चर्चा हुई है यह देखा गया कि कोर कमेटी की मीटिंग से पहले महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मुरलीधर राव ने एकांत में चर्चा की। उनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच भी बंद कमरे में चर्चा हुई। बताया यह जा रहा है कि ब्यूरोक्रेसी पर चर्चा की गई है। सिंधिया ने निर्दलीय उम्मीदवारों को पार्टी में लेने और बागियों पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा भी उठाया है।
इस दौरान संगठन के कामों पर भी चर्चा की गई और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया। यह तय किया गया है कि 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। इस सेवा पखवाड़े के अंतर्गत कई तरह के आयोजन आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश एवं जिला स्तर पर पीएम मोदी के व्यक्तित्व पर प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। युवा मोर्चा के बैनर तले हरा-भरा अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत 75 हजार पौधे रोपे जाएंगे। इस पौधारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए 23000 पंचायतों में 9000 से अधिक ग्रुप बनाएं जा चुके हैं और हर कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा युवा मोर्चा प्रत्येक जिले में रक्तदान शिविर भी लगाने वाला है।
7, 8, 9 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करेगी। 17 सितंबर से 26 नवंबर तक अनुसूचित जाति के छात्रावासों और सेवा बस्तियों में संपर्क अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा क्षय मित्र कार्यक्रम, बूस्टर डोज जन जागरण अभियान और रचनात्मक सेवा कार्य किए जाएंगे।
25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। इस अवसर पर प्रत्येक बूथ में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित कर कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनाई जाएगी। इसके बाद 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। इस अवसर पर भी अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले हैं। खादी की बिक्री बढ़ाने के लिए इसके वस्त्रों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके लिए एक टीम बनाई गई है जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी, प्रदेश मंत्री मदन कुशवाह, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार, राजेश पांडेय, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया और किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी शामिल है।
बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होने के साथ प्रशासनिक महकमे में बड़ी सर्जरी होने की आशंका जताई गई है। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, सांसद राकेश सिंह, ओम प्रकाश धुर्वे, कविता पाटीदार और लाल सिंह आर्य मौजूद थे।