“महाराज” का यह आम अंदाज, लंच पालिटिक्स से गरमाई सियासत

Atul Saxena
Updated on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। रियासतें खत्म हुए भले ही एक बहुत लंबा अरसा बीत गया है लेकिन ग्वालियर की सिंधिया रियासत की मध्यप्रदेश सहित देश की सियासत में आज भी बहुत पकड़ हैं। पूर्व सिंधिया रियासत के वर्तमान मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) राजनीति का वो चेहरा हैं कि वो जो भी कुछ करते हैं उसकी चर्चा राजनैतिक गलियारों के सियासी पारे को बढ़ा देती है। ऐसा ही एक घटनाक्रम रविवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)  की ग्वालियर यात्रा के दौरान हुआ।

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) रविवार को ग्वालियर दौरे पर थे। तीनों वरिष्ठ नेताओं ने ग्वालियर व्यापार मेले का औपचारिक उद्घाटन किया, शहर के विकास के लिए 505 करोड़ की योजनाओं के भूमिपूजन और लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा नेताओं ने दोपहर का भोजन सफाईकर्मी राम सेवक के घर किया।

"महाराज" का यह आम अंदाज, लंच पालिटिक्स से गरमाई सियासत

सफाईकर्मी के घर जमीन पर बैठकर खाया खाना

नादरिया माता मंदिर के पास स्थित सफाईकर्मी राम सेवक के घर खाना खाने गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan), केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और “महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) भी गए। सफाईकर्मी के परिवार ने स्वागत सत्कार में पलक पांवडे बिछा दिये। तिलक लगाकर सबने अतिथियों का स्वागत किया। फिर जमीन पर थाली में भोजन खीर, रोटी, सब्जी, दाल, चावल परोसे गए। भोजन शुरू होने से पहले सबने हाथ जोड़े और फिर भोजन शुरू हुआ।

"महाराज" का यह आम अंदाज, लंच पालिटिक्स से गरमाई सियासत

सफाईकर्मी ने कहा मेरे घर आज भगवान कृष्ण आये थे

इस सबमें खास बात ये है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)अपने हर दौरे पर दलित, पिछड़े, गरीब, आदिवासी, सफाईकर्मी के घर खाना खाते हैं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ग्रामीण परिवेश से आते हैं तो उनके लिए जमीन पर भोजन करना नया नहीं था लेकिन “महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का जमीन पर बैठकर खाना खाना आश्चर्य करने वाला था। इतना ही नहीं अपने “महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)को अपने घर में जमीन पर खाना खाते देखना रामसेवक और उसके परिवार के लिए स्वप्न जैसा था । रामसेवक ने भोजन कराने के बाद कहा कि मेरे घर तो भगवान कृष्ण आये थे और मुझ गरीब बाल्मीकि समाज के सामान्य व्यक्ति को धन्य कर गए।

"महाराज" का यह आम अंदाज, लंच पालिटिक्स से गरमाई सियासत

कांग्रेस ने इसे बताया राजनैतिक नौटंकी

“महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का जमीन पर बैठकर बाल्मीकि के घर खाना खाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद इसपर सियासत शुरू हो गई। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)  ने खुद अपना खाना खाते फोटो ट्विटर पर पोस्ट किया है। लेकिन कांग्रेस (Congress) कहाँ ये मौका चूकने वाली थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा (KK Mishra) ने इसे एक नौटंकी कहा। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए केके मिश्रा ने कहा कि ये एक राजनैतिक नौटंकी है। बाल्मीकि समाज और दलितों से “महाराज” को इतना ई प्यार है तो वे अपने नाम के आगे से “श्रीमंत” और “महाराज” बंद कर दें। इस तरह की राजनैतिक नौटंकियां ज्यादा नहीं चलती। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सिंधिया जी कांग्रेस में थे तब भी उन्होंने एक जगह ऐसी नौटंकी की थी और उनके जाते ही ग्रामीण के घर से शौचालय की सीट उखाड दी गई थी।

भाजपा ने कहा सिंधिया जी ने भाजपा की विचारधारा अपनाई है

उधर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सिंधिया के इस अंदाज पर उनकी तारीफ की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल (Ashish Agarwal) ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन को ही सिर्फ नहीं अपनाया है उन्होंने भाजपा (BJP) की नीतियों को अपनाया है। जिसे अंत्योदय के नाम से जाना जाता है। अंतिम व्यक्ति के उदय के लिए भाजपा जो राजनीति करती है उसके एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मध्यप्रदेश  में श्रीमंत सिंधिया काम करते हैं और ये इसका एक प्रमाण है।

बहरहाल सफाईकर्मी के घर भोजन तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan), केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी किया लेकिन चर्चा यदि “महाराज” ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के आम अंदाज की हो तो ये मध्यप्रदेश की राजनीति में उनकी ताकत और लोकप्रियता को दिखाता है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News