छतरपुर की इस महिला थाना प्रभारी के समाज सेवा कार्य की जगह जगह हो रही तारीफ

Gaurav Sharma
Published on -

छतरपुर, संजय अवस्थी। ओरछा रोड थाना प्रभारी न केवल अपराधियों की नकेल कसने में जुटी हैं, बल्कि समय-समय पर गरीबों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ा रही हैं। तीज-त्यौहारों में गरीबों को सामग्री भेंट करने के साथ ठंड के समय झुग्गी-झोपड़ी में गुजर करने वाले गरीबों को कंबल और ऊनी वस्त्र भेंट किए। ठंड से जूझ रहे गरीबों ने ऊनी वस्त्र मिलने के बाद थाना प्रभारी माधवी अग्निहोत्री का आभार जताया है।

कंबल मिलने से गरीबों को ठंड से मिली राहत

शहर के नौगांव रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के पीछे झुग्गियों में रह रहीं देवास की डोपाबाई ने बताया कि वे प्लास्टिक के बर्तन बेचकर परिवार का भरण पोषण करती हैं। उनके जैसे एक दर्जन से अधिक परिवार यहां रह रहे हैं। ओरछा रोड थाना प्रभारी माधवी अग्निहोत्री ने उन्हें और उनके जैसे रहने वाले गरीबों को कंबल दिए हैं। दीवाली में मिठाई भी उनके द्वारा दी गई थी। महिला ने बताया कि वे झुग्गी झोपड़ी में रहकर जो उपलब्ध कपड़े हैं, उन्हीं से गुजर बसर कर रही हैं। लेकिन कंबल मिलने से अब वे ठंड में सुकून से सो सकेंगी।

सराहना की पात्र है माधवी अग्निहोत्री

बता दें कि माधवी अग्निहोत्री ने ठंड की सिपाही यानि ठंड से रक्षा करने वाले कॉन्सेप्ट पर काम शुरु किया है। सड़क किनारे गुजर बसर करने वाले लोगों की भी उन्होंने मदद की है। माधवी के इस कार्य की सराहना पूरे इलाके में हो रही है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News