टीकमगढ़।आमिर खान। आपने मीडिया द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के किस्से तो खूब सुने होंगे लेकिन क्या कभी अधिकारी अपने अधीनस्थ का स्टिंग ऑपरेशन कर उसे ट्रेप कर सबके सामने लाए ऐसा कभी नहीं सुना होगा, लेकिन आज हम आपको टीकमगढ़ पुलिस कप्तान अनुराग सुजानिया द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन की हकीकत बताते हैं, जिसमें पुलिस कप्तान ने स्टिंग कराकर अपने ही विभाग में पदस्थ पैसे लेनदेन के मामले में आरक्षक को ट्रेप करा दिया और तत्काल उसे निलंबित कर आगे की कार्रवाई की तैयारी कराई।
मामला टीकमगढ़ जिले के कुड़ीला थाने का है जहां बीते दिनों पुलिस ने एक शराब से भरे वाहन को जब्त किया था, जिसमें से ड्राईवर भाग गया था। इस मामले में पुलिस ने वाहन जब्त कर कार्यवाही शुरू कर दी थी। कार्यवाही में पुलिस ने अज्ञात पर मामला दर्ज किया और फिर वाहन मालिक बबलू यादव निवासी छतरपुर को थाने बुलाया, जहां पुलिस ने बबलू को थाने में ही बैठाकर ड्राईवर के बारे में पूछताछ की और फिर बबलू यादव के बताए अनुसार ड्राईवर को थाने में पेश करा दिया गया। इसके बाद क्या था वही कहावत चरितार्थ हुई कि पुलिस पर भरोसा करना ही गुनाह है। इसके बाद कुड़ीला पुलिस ने बबलू यादव को छोड़ने के एवज में 01 लाख रुपए की मांग कर दी। इसकी जानकारी बबलू के परिजनों तक भेजी गई, जानकारी लगने के बाद बबलू यादव के परिजन थाने पहुंचे, जहां थाना प्रभारी शैलेन्द्र सक्सेना ने तो परिजनों से बात नहीं की बल्कि अपने ही थाने के आरक्षक अंकित सिंह परिहार को इस डीलिंग का पूरा काम सौंप दिया। फिर आगे होना क्या था अंकित ने अभी साहब के निर्देश को अमल में लाते हुए बबलू यादव के परिजनों से उसे छोड़ने के एवज में एक लाख रुपए की मांग कर डाली। बबलू के परिजनों ने भी पुलिस के डर से 100000 तो नहीं बल्कि ₹50000 की व्यवस्था बना ली और यह पैसा लेकर थाने पहुंच गए। जब बबलू के परिजनों ने अंकित से 50000 लेकर छोड़ने की बात कही तब अंकित एक लाख की जगह 80 हजार तक व्यवस्था करने की बात कहकर चले गए। इसके बाद जब बबलू के परिजन ₹80000 की व्यवस्था न कर पाए तब कहीं जाकर उन्होंने हिम्मत जुटाई और इसकी जानकारी कुछ जनप्रतिनिधियों को दी।
मामले की जानकारी गुरुवार की देर रात पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया को दी गई। पुलिस कप्तान ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए आरक्षक को ट्रैप करने की तैयारी कर ली। तत्काल प्रभाव से पुलिस अधीक्षक ने देर रात ही आरक्षक अंकित परिहार को लाइन हाजिर कर दिया। लाइन हाजिर होने के बाद ही कुड़ीला थाने में चल रहे इस खेल के सभी खिलाड़ी यह समझ गए कि उनकी इस कारगुजारी की जानकारी पुलिस कप्तान को लग गई। आगे हुआ यह किया आरक्षक अंकित परिहार दोबारा बबलू के परिजनों के टच में आया और उसने ₹50000 लेकर बबलू को थाने से बाहर करने की बात कही। यहां गंभीर बात यह है कि जब इसे लाइन हाजिर कर दिया गया तब इसने यह भ्रष्टाचार जैसे अपराध को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया पूरी गतिविधि पर नजर बनाए थे उन्हें जानकारी लगी कि आरक्षक ने रिश्वत की राशि ली है तब उन्होंने अल सुबह एक मैसेज पास थाने तक कराया। मैसेज कुड़ीला थाना पहुंचते ही वहां हड़कंप मच गया और अंकित परिहार ने वह राशि बबलू के परिजनों को वापस कर दी। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से आरक्षक अंकित परिहार को निलंबित कर बर्खास्ती की कार्रवाई आगे बढ़ा दी।
पुलिस कप्तान के स्टिंग से हड़कंप
जिले के पुलिस कप्तान अनुराग सूजानिया के इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद पूरे जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप जैसी स्थिति बनी हुई है। भ्रष्टाचारियों में डर का माहौल व्याप्त है। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद कहीं न कहीं उन लोगों में डर है जो इस तरह के गलत कार्य को अंजाम देते हैं। उन्हें यह डर है कि कहीं अगला नंबर उनका ना लग जाए।
एसपी की प्रशंसाओं का दौर शुरू
पुलिस कप्तान द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद जैसे ही इसकी जानकारी कुड़ीला क्षेत्रवासियों या जिले की लोगों को पता चली तो उन्होंने एसपी की जमकर तारीफ की और आम लोगों ने उम्मीद जताई है कि पुलिस कप्तान अनुराग जी को इस तरह ही कार्य कर जनता के दिलों पर राज करना चाहिए। लोगों का कहना है यह पहले एसपी हैं जिन्होंने इस तरह की कार्यवाही को अंजाम दिया।
इनका कहना
मामले की गंभीरता को देखते हुए जानकारी लगते ही मैंने पूरे मामले की गतिविधि पर नजर रखी। पुलिस का काम जनता की सेवा करना है इस सेवा के लिए उन्हें एक बड़ा अनुदान दिया जाता है अनुदान दिया जाता है। इसी में प्रसन्न रहकर पुलिस के जवानों को नौकरी करना चाहिए। जो भी इस तरह के कार्य करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। मैं रिश्वत जैसे कारनामे को टीकमगढ़ जिले में बर्दाश्त नहीं करूंगा।
अनुराग सुजानिया, पुलिस कप्तान, टीकमगढ़