टीकमगढ़, आमिर खान। मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के भूमाफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत टीकमगढ़ जिला प्रशासन भी जिले के बंदोबस्त अभिलेख को खंगाल रहा है। इसी सिलसिले में कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी के निर्देश पर बल्देवगढ़ जिले के राजस्व अधिकारियों ने एक मामला पकड़ा है। जिसमें सन 1983-84 में तत्कालीन पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड में हेरफेर कर गौचर भूमि को निजी स्वामित्व की भूमि दर्शा दिया गया है।
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करोड़ों रुपए मूल्य की यह शासकीय गौचर भूमि 40 वर्ष बाद भी निजी व्यक्तियों के द्वारा उपयोग और उपभोग में लाई जा रही है। उक्त भूमि को रेलवे द्वारा अधिग्रहीत किए जाने पर 2 लाख 26 हजार 543 रुपए मुआवजा भी एक व्यक्ति द्वारा ले लिया गया है। जबकि यह सरासर शासन की भूमि रेलवे को बेच देने का मामला है। इसके बाद भी छक्की तनय अमान एवं भैयालाल तनय मोती कुम्हार आज भी शासन से इस भूमि से फसल क्षती बीमा, अतिवृष्टि सूखा राहत, किसान सम्मान निधि के लाखों रुपए वसूल रहे हैं।
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जबकि मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता एवं राजस्व नियमावली में स्पष्ट नियम है कि शासकीय गौचर भूमि को बिना कलेक्टर न्यायालय के आदेश के किसी भी व्यक्ति के नाम अंतरित नहीं की जा सकती। इसके बावजूद राजस्व नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर यह भूमि तत्कालीन पटवारी ने व्यक्तियों के नाम अंतरित कर दी और वर्षों बीत जाने के बाद भी बल्देवगढ़ के भिलौनी गांव की यह जमीन वापस मध्यप्रदेश शासन को नहीं मिल सकी है।
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इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती कह चुकी हैं कि गौचर भूमि पर पशुओं को चरने के लिए चारा उगाया जाए ताकि गौवंश भूखा न मरे और सड़कों पर मारा मारा न फिरे। इस मामले में कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी टीकमगढ़ ने कहा कि बल्देवगढ़ एसडीएम से इस मामले की छानबीन कराई जाएगी और दोषी पटवारी एवं व्यक्तियों के विरुद्ध समुचित कानूनी प्रक्रिया का पालन कराया जाएगा।