Tuberculosis: ट्यूबर कुलोसिस (टीबी) वायरस को लेकर एक नई निति के तहत, टीबी और अन्य संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करने वाली बीसीजी वैक्सीन (बैसिलस कैल्मेट-गुएरिन) अब 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 7 मार्च से लगाई जाएगी। इसका प्रमुख उद्देश्य व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर वैक्सीनेशन को समर्थन करना है। दरअसल टीबी जैसी बीमारी के केस प्रदेश में न बढ़े इसको लेकर यह निर्णय लिया जा रहा है।
वैक्सीनेशन के लिए 6 श्रेणियां, जानें किन्हें मिलेगी प्राथमिकता?
दरअसल वैसे तो ट्यूबर कुलोसिस (टीबी) का वायरस सभी में होता है। लेकिन व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता के हिसाब से यह शरीर में बढ़ता है। जिसको देखते हुए अब यह टीका लगाया जाएगा। ऐसे में नशे का सेवन करने वालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है जिस वजह से सबसे पहले इन्हे चुना जा रहा है। जिसके बाद यह टीका 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को लगाया जाएगा। इसके साथ ही टीका मधुमेह के मरीज और 18 साल से कम बीएमआई वाले व्यक्ति को भी लगाया जाना है।
दरअसल मॉडल स्टडीज की माने तो टीबी का वैक्सीनेशन करवाकर हर साल टीबी के केसेस को 17% तक कम किया जा सकता है। वैक्सीनेशन के पश्चात व्यक्तियों को कोविन पोर्टल या टीबी बिन पोर्टल के माध्यम से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
वैक्सीनेशन प्रोग्राम का आयोजन 7 मार्च से:
वहीं इसको लेकर डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया की डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत 7 मार्च से होगी। वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दौरान सर्वे के माध्यम से वैक्सीनेशन के लायक संभावित मरीजों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन के बाद टीका लगाने की तारीखें बताई जाएंगी।