Ujjain: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही अब उज्जैन में एक दिन छोड़कर जलप्रपात करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। गर्मियों के दिन में शहर वासियों को किसी भी तरह से पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े इसके लिए जलप्रपात शेड्यूल का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस प्रस्ताव को अधिकारियों के पास पहुंचा दिया गया है। जल्द ही इसे लेकर कोई ना कोई निर्णय लिया जाएगा और शहर में नई जलप्रदाय व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
घट रहा गंभीर का जलस्तर
उज्जैन में पानी का स्रोत गंभीर डेम है जिसका जलस्तर इन दिनों घटता हुआ दिखाई दे रहा है। अगले मानसून तक शहर में जलापूर्ति का इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। यही वजह है कि अभी से जलप्रदाय की नई व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को गंभीर का जलस्तर 800 एमसीएफटी था और अभी भी शहर में रोजाना पानी सप्लाई जारी है। उज्जैन उत्तर क्षेत्र में सुबह और उज्जैन दक्षिण क्षेत्र में शाम को पानी आता है। दोनों क्षेत्रों में पानी सप्लाई करने के दौरान 8 से 9 एमसीएफटी पानी खर्च होता है। इस हिसाब से सिर्फ 88 दिन का पानी है डेम में बचा हुआ है।
मानसून को लेकर तैयारी
मानसून सत्र की शुरुआत 15 जून से हो जाती है जिसमें अभी 76 दिन का वक्त है। मानसून समय पर आ जाए तो ठीक है लेकिन अगर इसमें देरी हो जाती है तो पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। पानी के किसी भी तरह से किल्लत न हो किसी को देखते हुए शहर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। ऐसे में अगर बारिश देर से भी होती है तो सभी लोगों तक पानी आसानी से पहुंच सकेगा।
जल्द होगा निर्णय
फिलहाल एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का प्रस्ताव तैयार कर अधिकारियों के पास भेजा गया है। गंभीर में मौजूद पानी के स्तर की समीक्षा करने के बाद कोई ना कोई निर्णय लिया जाएगा। गर्मी के दिनों में वैसे भी पानी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई होने की स्थिति में लोगों को पानी स्टोर कर के रखना पड़ेगा।