Mahakal Mandir: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के आंगन में हर त्यौहार का उल्लास सबसे पहले नजर आता है। होली हो या दिवाली सबसे पहले वो महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाई जाती है। आज भी यही नजारा मंदिर में देखने को मिला जब तड़के भस्म आरती के दौरान कई क्विंटल फूलों से बाबा के साथ होली खेली गई।
महाकाल में फूलों की होली
आज तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके पश्चात गर्भगृह में स्थापित सभी प्रतिमाओं का पूजन अर्चन किया गया। वहीं बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन किया गया। इसके बाद कर्पूर आरती की गई और बाबा का भांग, चंदन और त्रिपुंड से श्रृंगार किया गया। शिवलिंग पर कपड़ा ढांककर महाकाल को भस्म रमाई गई और उसके बाद फूलों की होली का उल्लास मंदिर में छाया। पंडे पुजारियों ने भक्तों पर फूलों की बारिश की और सभी भक्ति में डूबे नजर आए।
कब होगा होलिका दहन
महाकाल मंदिर में सबसे पहले होलिका दहन किया जाएगा। शाम 7.30 बजे होने वाली संध्या आरती के बाद होलिका दहन होगा। संध्या आरती के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुजारी परिवार की महिलाएं होलिका पूजन करेंगी। इसके पश्चात दहन किया जाएगा। सोमवार को तड़के भस्म आरती में एक बार फिर होली का उल्लास छाएगा और मंदिर में हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी।
ठंडे जल से स्नान
होलिका दहन और रंगोत्सव के बाद 26 मार्च से बाबा महाकाल को ठंडे जल्द से स्नान करवाया जाएगा। सर्दी के दिनों में भगवान को गर्म जल से स्नान करवाया जाता है। लेकिन अब अगले 6 महीने तक महाकाल शीतल जल से स्नान करेंगे। इसके साथ आरतियों का समय भी बदलेगा।