Ujjain News: उज्जैन में आज बाबा महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी निकाली जाएगी। राजाधिराज रजत पालकी में सवार होकर परंपरागत शाही मार्ग से भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शाही सवारी में एक बार फिर भक्तों का हुजूम पलक पावडे बिछाकर अपने आराध्य के स्वागत में खड़ा दिखाई देगा।
परंपरा अनुसार शाम 4 बजे शाही ठाट-बाट के साथ महाकाल मंदिर से सवारी निकाली जाएगी। सबसे आगे चांदी का ध्वज नजर आएगा इसके बाद अश्व दल, पुलिस बैंड और सशस्त्र बल की टुकड़ियों के साथ भजन मंडलिया और झांझ डमरु दल शिव की भक्ति में नाचते गाते दिखाई देंगे। पुजारी, पुरोहित और बाबा महाकाल के कई भक्त भी सवारी का हिस्सा बनेंगे।
ये रहेगा सवारी मार्ग
शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से निकलकर सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुज कोट से राम घाट पर पहुंचेगी। यहां पर शिप्रा जल से भगवान का जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके बाद राणोजी की छत्री से होते हुए सवारी कार्तिक चौक, ढाबा रोड, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, छोटा सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी।
प्रशासन ने की चाक-चौबंद व्यवस्था
शाही सवारी को लेकर जिला प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल सवारी मार्ग पर तैनात रहने वाला है। प्रशासन ने बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्तों से एक ही जगह रहकर दर्शन करने का आग्रह किया है। प्रशासन का कहना है कि भक्त पालकी को या भगवान को स्पर्श करने का प्रयास ना करें क्योंकि इससे कहारों को पालकी संभालने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस तरह से सवारी मार्ग में बाधा आती है।