Wed, Dec 24, 2025

Master Plan 2035: उज्जैन के मास्टर प्लान में किया जाएगा बदलाव, अखाड़ा परिषद का कहना- सिंहस्थ क्षेत्र से समझौता नहीं

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Master Plan 2035: उज्जैन के मास्टर प्लान में किया जाएगा बदलाव, अखाड़ा परिषद का कहना- सिंहस्थ क्षेत्र से समझौता नहीं

Master Plan 2035 Ujjain: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाते हुए और उन्हें घोषित करते हुए देखा जा रहा है। कुछ दिनों पूर्व उज्जैन का मास्टर प्लान भी घोषित किया गया था। इस प्लान को लेकर कुल 463 आपत्तियां सामने आई थी। इस मामले में नेताओं में नोकझोंल भी हुई थी और अखाड़ा परिषद की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया है।

Master Plan 2035 पर अखाड़ा परिषद

मास्टर प्लान में सिंहस्थ मेला क्षेत्र को कम किया गया है और भूमि को आवासीय क्षेत्र की अनुमति दी गई है। अखाड़ा परिषद द्वारा 2 साल पूर्व ही इस बात का विरोध जताया जा चुका है और अब एक बार फिर अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस बारे में एक बार फिर विचार करने की बात कही है।

साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगने वाला है, जिसमें अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है और ये भी कहा जा रहा है कि साधु संतों के शिविर दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। सिंहस्थ क्षेत्र कम होने के चलते आने वाले श्रद्धालुओं और साधु संतों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है इसलिए मास्टरप्लान में बदलाव कर उसे वापस लागू किया जाना चाहिए।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने ये भी कहा कि किसी भी नगर का मास्टर प्लान उसकी धुरी होता है और उसी के बाद आगे होने वाले विकास की राहें खुलती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ना हो कि अफसर सनातन परंपरा को ही नष्ट कर दें। उन्होंने ये भी कहा कि जो अफसर मिलकर सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन को कम करने का प्रयास कर रहे हैं, वो इस बात को अच्छे से समझ जाएं। साधु संतों ने खुले शब्दों में चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि जो सनातन परंपरा और धर्म को कायम रखेगा वहीं शासन कर सकेगा।

क्या बोले सीएम

इस मामले में बीते दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि अगर मास्टर प्लान की वजह से किसी तरह की परेशानी होती है तो इसमें बदलाव किया जाएगा। सिंहस्थ में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

 

नेताओं में हुआ था टकराव

बता दें कि जब मास्टर प्लान घोषित किया जा रहा था तब 463 आपत्तियां आई थी लेकिन उन पर ध्यान न देते हुए इसे लागू कर दिया गया। इन आपत्तियों का निराकरण करने के लिए जब समिति को बैठक हुई थी, तब मोहन यादव और पूर्व मंत्री पारस जैन के बीच टकराव भी देखा गया था।

ये मामला सिंहस्थ क्षेत्र की संवाराखेड़ी और जीवन खेड़ी को आवासीय बनाए जाने से जुड़ा हुआ था। मंत्री यादव इस आवासीय बनाने के पक्ष में थे, वहीं जैन समेत कुछ नेता इसका विरोध कर रहे थे। भारी बैठक में विधायक जैन ने ये भी कहा था कि सरकार का फैसला हमें मंजूर है लेकिन अगर ये गलत होगा तो जनता जरूर सामने आएगी।