महाकाल के भक्त देवेंद्र फडणवीस ने मंगाई बाबा की भस्म और प्रसादी, शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पुजारी को भेजा आमंत्रण

पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि देवेंद्र फडणवीस बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और वे ईश्वर में बहुत आस्था रखते हैं, उनकी तरफ से बुलावा आया है इसलिए वे बाबा की भस्म और प्रसाद लेकर आज शाम निकलेंगे।

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Devendra Fadnavis Maharashtra CM: बाबा महाकाल के अनन्य भक्तों में शामिल महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह में बाबा महाकाल का प्रसाद और भस्म आशीर्वाद स्वरुप पहुंचेगा, शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण महाकाल मंदिर को मिला है, पुजारी आशीष शर्मा मुंबई के लिए आज शाम निकलेंगे।

महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है, कोर कमेटी के निर्णय के बाद भाजपा विधायक दल की बैठक में भी उनके नाम पर मुहर लग गई है, वे कल 5 दिसंबर को आजाद में मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के बड़े नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे।

पुजारी आशीष शर्मा बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर शपथ ग्रहण में शामिल होंगे  

आपको बता दें, देवेंद्र फडणवीस बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए उज्जैन आते रहते हैं, पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि देवेंद्र फडणवीस बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और वे ईश्वर में बहुत आस्था रखते हैं, उनकी तरफ से बुलावा आया है इसलिए वे बाबा की भस्म और प्रसाद लेकर आज शाम निकलेंगे।

कल 5 दिसंबर को आजाद मैदान में फडणवीस लेंगे सीएम पद की शपथ 

गौरतलब है कि आज सुबह केंद्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की मौजूदगी में महाराष्ट्र विधानसभा भवन में विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुन लिया गया वे आज दिन में 3:30 बजे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे और कल 5 दिसंबर को आजाद मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजीत पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

उज्जैन से राजेश कुल्मी की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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