Kanwar Yatra Ujjain: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए वैसे तो साल भर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। लेकिन सावन के समय में यह ज्यादा बढ़ जाती है। सामान्य श्रद्धालुओं के अलावा बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रियों का जत्था बाबा महाकाल को अलग-अलग नदियों से लाया गया जल अर्पित करने के लिए मंदिर पहुंचता है। अब इन यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा दर्शन व्यवस्था तय कर दी गई है।
कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था
देशभर से आने वाले कावड़ यात्री सप्ताह में 4 दिन मंगलवार से लेकर शुक्रवार तक विशेष द्वार से प्रवेश कर बाबा महाकाल को जल अर्पित कर सकेंगे। जल अर्पण के लिए कावड़ यात्रा संघ के प्रमुख को महाकाल मंदिर कार्यालय में आवेदन देना होगा और अनुमति प्राप्त करनी होगी। महाकाल मंदिर समिति द्वारा आयोजित की गई बैठक में अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है।
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कावड़ संघ लेंगे अनुमति
बाबा महाकाल के दरबार में सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर पहुंचने वाले कावड़ यात्रियों को विशेष सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। सोमवार से लगाकर शुक्रवार तक 4 नंबर गेट से कावड़ यात्रियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। कावड़ यात्रियों का जो भी जल बाबा महाकाल को जल अर्पित करने के लिए मंदिर में जाना चाहता है उनके संघ प्रमुख को मंदिर समिति से अनुमति लेनी होगी। वहीं जो कावड़ यात्री और संघ शनिवार रविवार और सोमवार को आएंगे उन्हें सामान्य श्रद्धालुओं की कतार में लगकर दर्शन करने होंगे।
चौरासी महादेव की होगी पूजन
धार्मिक नगरी उज्जैन में अधिक मास के दौरान सप्तसागर, 9 नारायण और 84 महादेव जैसी यात्राएं की जाती है। इन यात्राओं का विशेष महत्व है जिस वजह से देशभर से भक्त यहां तीर्थ के लिए आते हैं। 20 साल बाद श्रावण मास और अधिक मास का अद्भुत संयोग बन रहा है। जिसके चलते हजारों की संख्या में यात्रियों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। महाकाल मंदिर के अंदर चौरासी में से चार महादेव विराजित हैं। इनकी पूजन करने आने वाले भक्तों को भी विशेष सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।
मंदिर में चार महा देवों के साथ सप्तसागर में से एक रुद्रसागर भी मौजूद है ऐसे में आने वाले दर्शनार्थियों को दर्शन की विशेष सुविधा दिए जाने के लिए पुजारी और भक्तों ने मंदिर समिति से निर्णय लेने का अनुरोध किया है। व्यवस्था को देखते हुए मंदिर समिति की ओर से मंगलवार से शुक्रवार तक भीड़ की स्थिति को देखते हुए प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है।
10 बेड का हॉस्पिटल
महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में दर्शनार्थी दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। जिनकी सुविधा के लिए 10 बेड का हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। प्रबंध समिति ने बैठक में इस बात का निर्णय लिया है कि इस हॉस्पिटल में प्राथमिकी और आकस्मिक चिकित्सा की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी और अनुभवी डॉक्टरों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहेगा।
सवा चार करोड़ से टॉयलेट
मंदिर में नव निर्माण के चलते फिलहाल टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। फैसिलिटी सेंटर में श्रद्धालुओं को यह सुविधा मिल जाती है। लेकिन आने वाली भीड़ को देखते हुए चार महत्वपूर्ण स्थानों पर सवा चार करोड़ की लागत से अत्याधुनिक टॉयलेट बनाने का निर्णय लिया गया है और इसके साथ मातृत्व कक्ष का निर्माण भी होगा।