जानकारी के मुताबिक 2 जून को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भाव महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचने वाले हैं। वो सुबह 11 बजे उज्जैन पहुंचेंगे और बाबा का पूजन अर्चन करेंगे और एक घंटा मंदिर परिसर में ही रहेंगे। राज्यपाल मंगू भाई पटेल उनका नंदी द्वारा पर स्वागत करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री का आगमन अति विशिष्ट प्रोटोकॉल के चलते होने वाला है। इसी को देखते हुए मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। सुरक्षा को देखते हुए सुबह के सत्र में भक्तों को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रशासन और पुलिस के आलाधिकारियों ने मंदिर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का अंतिम रूप दे दिया है और आज से नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
ऐसी होगी दर्शन व्यवस्था
2 जून को सुबह 6 से सामान्य दर्शनार्थी हरसिद्धि चौराहा और बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए गेट नंबर चार पर पहुंचेंगे। इसके बाद वो विश्राम गृह और सभा मंडप में होते हुए गणेश मंडप की पांचवी बैरिकेड से बाबा को निहार सकेंगे।
दर्शन करने के बाद आपातकालीन द्वार से विश्रामधाम होते हुए उन्हें गेट नंबर 5 से मंदिर के बाहर निकाला जाएगा। सुबह से दोपहर तक कोई भी व्यक्ति गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेगा और केवल पुजारी नियमित पूजन अर्चन और आरती करेंगे। 750 रुपए की रसीद लेकर गर्भगृह में दर्शन करने की व्यवस्था को भी मंदिर समिति ने स्थगित करने का निर्णय लिया है।
सोला पहनेंगे पीएम प्रचंड
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड महाकाल लोक से होते हुए मंदिर में प्रवेश करने वाले हैं। इसके बाद वो महानिर्वाणी अखाड़े जाएंगे और यहां सोला पहनने के बाद एक विशेष द्वारा से सीधा गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। इस दौरान शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा पूजन अर्चन संपन्न करवाएंगे। पूजन के पश्चात प्रचंड नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाने वाले हैं और मंदिर समिति द्वारा उनका सम्मान कार्यक्रम भी रखा गया है।
पंडित करेंगे स्वस्ति वाचन
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री जिस समय नंदी हॉल में बैठकर ध्यान करने वाले हैं, उस समय पुजारी और पुरोहित स्वस्ति वाचन करेंगे। पीएम के साथ उनके प्रतिनिधि मंडल भी महाकाल दर्शन करने के लिए पहुंच रहा है। स्वस्ति वाचन के लिए पुजारी और पुरोहितों को गणेश मंडपम के प्रथम बैरिकेड में बिठाया जाएगा और अन्य स्थान पर भी विचार किया जा रहा है।